विकास दुबे की गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद बृहस्पतिवार रात एसटीएफ ने नाटकीय घटनाक्रम में उसकी लापता पत्नी ऋचा दुबे और बेटे को नौकर समेत दबोच लिया। रात करीब आठ बजे तीनों के पकड़े जाने की खबर आई।
सूत्रों का कहना है कि ऋचा के पकड़े जाने की सूचना पर कानपुर पुलिस भी लखनऊ पहुंच गई। हालांकि, देर रात तक पुलिस तीनों के पकड़े जाने से अनभिज्ञता जताती रही। उधर, कानपुर पुलिस तीनों को लेकर रवाना हो गई। अब आगे की कार्रवाई कानपुर में ही की जाएगी।
एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि विकास जब बिकरू में पुलिसकर्मियों का खून बहा रहा था तब उसकी पत्नी ऋचा कृष्णानगर की इंद्रलोक कॉलोनी वाले घर पर थी। रात करीब दो बजे पति से बातचीत के बाद वह बेटे को लेकर घर से निकल गई।
लखनऊ पुलिस और एसटीएफ की टीमें उसकी तलाश कर रही थीं। इस बीच विकास के पकड़े जाने के बाद रात करीब आठ बजे ऋचा और उसके बेटे व नौकर को भी पुलिस ने दबोच लिया। सूत्रों का कहना है कि ऋचा के साथ तीन और लोग थे, जिसमें से एक भाग निकला। चौथा कौन था? इस बारे में पूछताछ की जा रही है। हालांकि यह पता नहीं चल सका कि वह अब तक कहां रही? किसने शरण दी?
सूत्रों ने बताया कि मंगलवार शाम विकास के घर की तलाशी में करोड़ों रुपये के लेनदेन के कागजात मिले हैं। विकास ने करीब 65 लोगों के नाम लिखे हैं जिनसे उसे 35000 रुपये से 15 लाख रुपया तक का लेनदेन हुआ था। इसमें 12 नाम ऐसे हैं जिनकी उसने शादी-ब्याह अथवा बीमारी के दौरान उपचार के लिए आर्थिक मदद की थी। 35 लोगों से उसे रुपया लेना था। करीब 10 जगह से उसे तीन करोड़ रुपये भी आने थे। पुलिस ने सूची एसटीएफ को भी सौंपी है।