विकासनगर: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष और जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि यूजेवीएनएल (UJVNL) 2005 में अधिशासी अभियंता के पदों पर की गई भर्ती प्रक्रिया के विज्ञापन जारी कराया गया। साक्षात्कार में प्रतिभाग करने वाले 2 सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति भी दी गई थी। उसी दिन साक्षात्कार प्रक्रिया में असफल हुए दो अभ्यर्थियों को भी बिना किसी औपचारिकता के सहायक अभियंता के पद पर नियुक्ति दे दी गई। जबकि दोनों पहले ही बाहर हो चुके थे।
उन्होंने ओरोप लगाया कि उच्च शिक्षित और योग्य युवा सिफारिश के अभाव में दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। नेगी ने कहा कि उक्त भर्ती प्रक्रिया मामले में UJVNL की ओर से कोई विज्ञापन भी प्रकाशित नहीं कराया गया। विभाग द्वारा कुछ समय बाद उक्त दोनों सहायक अभियंताओं को पदोन्नति द्वारा अधिशासी अभियंता बना दिया गया। नेगी ने कहा कि उक्त पदोन्नति एवं नियुक्तियों के संबंध में उत्तरांचल पावर इंजीनियर एसोसिएशन द्वारा वर्ष 2013 और 6 जुलाई 2020 को अध्यक्ष, यूजेवीएनएल और अन्य अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई।
हैरानी की बात की है उक्त तमाम शिकायतों के बावजूद विभाग द्वारा एक दिन पहले ही यानी सात जुलाई 2020 को एक अधिशासी अभियंता को डीजीएम बना दिया गया तथा दूसरे अधिशासी अभियंता की ताजपोशी की तैयारी चल रही है। मोर्चा सरकार से मांग करता है की UJVNL में राज्य गठन से लेकर आज तक हुई तमाम अवैध नियुक्तियों एवं पदोन्नतियों की सीबीआई जांच कराए । मोर्चा ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने शीघ्र ही सीबीआई जांच न कराई तो मोर्चा को न्यायालय की शरण लेनी पड़ेगी।