नैनीताल. उत्तराखंड पुलिस मुश्किल दौर में मानवता की मिसालें कर चुकी है. कोरोना महामारी के इस काल की इस विपदा में आम जनता को पुलिस से बड़ी उम्मीदें हैं और पुलिस उसपर खरी भी उतर रही है. हल्द्वानी में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. पुलिस को पता चला कि एक कैंसर पीड़ित महिला पैसों की कमी के कारण 48 दिनों से अपने घर पिथौरागढ़ नहीं जा पा रही थी. ASP नैनीताल को सोशल मीडिया के जरिए जानकारी मिली कि एक कैंसर पीड़ित महिला और उसकी तीमारदारी में लगी बेटी दिक्कत में हैं.
रीडर देवनाथ गोस्वामी
ASP नैनीताल राजीव मोहन के रीडर देवनाथ गोस्वामी ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पढ़ी जिसमें ये बताया गया कि पिथौरागढ़ की रहने वाली कैंसर पीड़िता 20 मार्च से हल्द्वानी में फंसी हुई है और पिछले 48 दिनों से हल्द्वानी के स्वामी राम कैंसर हॉस्पिटल में है और उनके पास घर लौटने के पैसे नहीं हैं. सब इंस्पेक्टर देवनाथ गोस्वामी ने महिला की मदद की इच्छा जाहिर की. एएसपी राजीव मोहन ने बिना कोई समय व्यर्थ किये ही महिला की हर संभव मदद करने को कहा.
व्यवस्था करके डीडीहाट रवाना किया
पुलिस कर्मियों ने पहले मोतिमा देवी, उनकी बेटी प्रियंका चुफाल का कोविड-19 टेस्ट कराया और फिर कार की व्यवस्था करके उन्हें उनके गांव डीडीहाट के लिए रवाना कर दिया. इतना ही नहीं पुलिस कर्मचारियों ने मोतिमा देवी को जरूरी दवाएं और दवा खर्च के लिए 17 हजार रुपये कैश भी दिए, जो उन्हें आपसी सहयोग से इकट्ठा किए थे. लॉकडाउन में लोगों के सामने खाने, रहने, रोजगार से लेकर स्वास्थ्य तक का संकट सामने आया हुआ है. लॉक डाउन ने इसी तरह का संकट पिथौरागढ़-डीडीहाट से हल्द्वानी इलाज को आई एक 65 साल कैंसर पीड़ित बुजुर्ग महिला के साथ खड़ा कर दिया है.
घर वापसी के लिए पैसे नहीं बचे
सुशीला तिवारी भी अस्पताल के स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट में इलाज करा रही मोतिमा देवी और उनकी बेटी प्रियंका चुफाल के साथ 48 दिनों तक अपने घर सिर्फ इसलिए नहीं जा पाई क्योंकि उनके पास घर वापसी के लिए पैसे नहीं बचे थे. उनके पास जो पैसे थे, वो इलाज और खाने-पीने में खर्च हो गए थे. मोतिमा देवी ने यह भी बताया कि अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. के सी पांडे ने उनकी हर तरह से मदद की इसलिए अस्पताल में उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हुई