देहरादून। लोकसभा चुनाव से पहले अपनी मांगों को मनवाने को लेकर हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों को उत्तराखंड शासन ने दो टूक में जवाब दे दिया है कि जो कर्मचारी 31 जनवरी को सामूहिक अवकाश और 4 फरवरी को होने वाले धरने में शामिल होंगे उन पर संबंधित विभाग उचित कार्यवाही भी करेंगे.
राज्य कर्मचारियों के हड़ताल के ऐलान के बीच आज सचिवालय में सभी विभागों के सचिवों की बैठक हुई, जिसमें कार्मिक सचिव राधा रतूड़ी ने बैठक लेते हुए निर्देश दिए हैं कि कोई भी विभाग 31 जनवरी को होने वाले सामूहिक अवकाश कर्मचारियों को नहीं देगा यानी कि 31 जनवरी को किसी को भी छुट्टी विभाग नहीं देगा.
वहीं 4 फरवरी को होने वाले धरने में भी कोई कर्मचारी शामिल नहीं होगा. इसके निर्देश सभी विभागों को दे दिए गए हैं. साथ ही उत्तराखंड शासन ने हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों के प्रति अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि यदि कोई कर्मचारी कड़े निर्देश के बाद भी हड़ताल पर रहता है उस दिन उसे वेतन नहीं मिलेगा और नो वर्क नो पे का नियम लागू होगा. कुल मिलाकर कर्मचारी संगठनों को हड़ताल पर जाने के लिए सरकार ने विवश कर दिया है ऐसे में देखने वाली बात यह होगी आखिरकार कर्मचारी संगठनों का रूप सरकार के इस शक्ति के बाद क्या होता है