देहरादून : उत्तराखंड में साल आग की कई घटनाएं होती हैं। हालांकि इस बार मौमस के साथ देने से और कोरोना वायरस के कारण हुए लाॅकडाउन के चलते आग की घटनाएं पिछले सालों के मुकाबले कम हुई हैं। 15 फरवरी से 15 जून तक चलने वाले फायर सीजन में भले ही अब कुछ दिन बचे हों, लेकिन वन महकमें को ट्वीटर पर आग की खबरों के वायरल होने के बाद जंगलों की आग की जानकारी साझा करने की याद अब आई है।
सोशल मीडिया में मचे बवाल के बाद अब वन विभाग ने कोविड-19 की तर्ज पर फायर बुलेटिन जारी करने का निर्णय लिया है। वन विभाग ने फायर बुलेटिन जारी करने की बात कहने के बाद अब तक बुलेटिन सार्वजनिकतौर पर सामने नहीं आया है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बुलेटिन में जंगल की आग से संबंधित सूचनाएं दी जाएंगी। यह भी बताया जाएगा कि कहां आग लगी, आग पर नियंत्रण पाया गया या नहीं और उसके लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं।
सोशल मीडिया प्रभारी पराग मधुकर धकाते के मुताबिक बुलेटिन को सोशल मीडिया, विभागीय वेबसाइट आदि पर डाला जाएगा। वन विभाग को अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के जंगलों के जलने की कई खबरों का सामना करना पड़ा था। कई पुराने वीडियो अपलोड कर यह दिखाया गया कि उत्तराखंड के जंगल बुरी तरह से जल रहे हैं।
इसके बाद खुद सीएम को कहना पड़ा था कि इस तरह का भ्रामक प्रचार न होने दिया जाए। वनों की आग से संबंधित सूचनाओं को प्रतिवाद करने और नजर रखने के लिए वन विभाग ने मुख्य वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते को सोशल मीडिया प्रभारी नियुक्त किया। धकाते ने भी ट्विटर पर अब हैशटैग अपडेट उत्तराखंड फॉरेस्ट फायर, शुरू किया है। फायर सीजन 15 फरवरी से लेकर 15 जून तक का है।