टिहरी : ये खबर उन लोगों को जरुर पढ़नी चाहिए जो कि अपने परिवार के कमजोर आर्थिक हालातों का रोना रोते हैं औऱ अपनी शारिरिक कमजोरी का बहाना बनाकर आगे बढ़ने से कतराते हैं. जी हां मूल रूप से बगसारी गांव टिहरी गढ़वाल की रहने वाली साक्षी उन सभी लोगों को हौंसला देगी जो की किसी न किसी मजबूरी का बहाना बनाकर आगे बढ़ने से डरते हैं कतराते हैं. औऱ साक्षी ही नहीं बल्कि उसके साथ कई बेटियों ने मेहनत के बल पर जीत पाई औऱ देश का नाम रोशन किया.
साक्षी ने बढ़ाया प्रदेश और देश का मान,ऋषिकेश में जोरदार स्वागत
दरअसल टिहरी निवासी साक्षी ने नेशनल बास्केटबॉल प्रतियोगिता नें जीत हासिल की जिससे प्रदेश में खुशी की लहर है खास तौर पर साक्षी के परिवार और गांव में. आपको बता दें कि साक्षी की ये इसलिए भी गर्व भरी है क्योंकि साक्षी का एक पैर नहीं है औऱ एक पैर की बदौलत साक्षी ने प्रदेश के लिए, देश के लिए ट्रॉफी जीती और गर्व सी सीना चौड़ा किया. वहीं जीत के लौटने के बाद ऋषिकेश में उनका जोरदार स्वागत किया गया.
नौ साल की उम्र में खोया अपना एक पैर
दरअसल साक्षी ने महज नौ साल की उम्र में अपना एक पैर बस हादसे में खो दिया था…और तो औऱ साक्षी का दूसरा पैर भी बड़े ऑपरेशन और प्लास्टिक सर्जरी से बचाया जा सका, मगर साक्षी ने अपनी शारिरिक कमजोरी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और फिर से खेल के मैदान में उतरी औऱ अपना जलवा दिखाया. साक्षी ने घर बैठकर अपनी किस्मत का रोना कभी नही रोया बल्कि अपनी दिव्यांगता को ही अपनी ताकत के रूप में निखार दिया।
आपको बता दें कि हाल में साभी गुमानिवाला ऋषिकेश में रहती है. उनके पिता का नाम विनोद सिंह चौहान और मां का नाम नैना देवी की पुत्री साक्षी एक मध्यम वर्गीय परिवार से आती है.
साक्षी ने मनवाया अपनी प्रतिभा का लोहा
लेकिन कभी भी अपने जज्बे पर अपनी दिव्यांग्यता को हावी नही होने दी और हमेशा से खेल से जुड़ी रही और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. अपनी शिक्षा ग्रहण करने के साथ साथ साक्षी ने सड़कों पर कूड़ा बीनने वाले गरीब असहाय बच्चों को भी पढ़ाया. इसके लिए साक्षी को रोजाना 50 किलोमीटर बस का सफर तय करना पड़ता था, उसके बाद भी साक्षी का कुछ अलग कर गुजरने का जज्बा नही रुका और साक्षी ने मैराथन और बास्केटबॉल खेलने का प्रशिक्षण शुरू कर दिया, पहले भी साक्षी हाफ मैराथन में पुरुस्कार अपने नाम किया और अब साक्षी नैशनल बास्केटबॉल चैंपियनशिप में महाराष्ट्र की तरफ से खेलते हुए चैंपियन टीम का हिस्सा रही।