प्रदेश में शिक्षा के स्तर में गुणवत्ता के लिए सरकारी स्कूलों को अटल उत्कृष्ट स्कूलों में बदलकर इन स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू की गई थी। सरकारी होने के बाद भी इन स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से मान्यता मिली थी। लेकिन अब अटल उत्कृष्ट स्कूलों के भविष्य पर सवाल उठ रहा है।
अटल उत्कृष्ट स्कूलों के भविष्य पर उठ रहे सवाल
अटल उत्कृष्ट स्कूल योजना जो कि त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई थी। इन स्कूलों के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं। त्रिवेंद्र सरकार के कई ऐसे फैसले हैं जिन्हें भाजपा की सरकारों के द्वारा ही पलट दिया गया। जिन्हें त्रिवेंद्र रावत ऐतिहासिक करार देते थे।
फिर वो चाहे देवस्थानम बोर्ड को स्थगित करने का मामला हो या फिर गैरसेंण कमिश्नरी को का मामला हो। त्रिवेंद्र सरकार के ऐतिहासिक निर्णय को भाजपा की सरकार ने ही स्थगित करने का काम किया ऐसे में त्रिवेंद्र सरकार के दौरान खोले गए अटल उत्कृष्ट स्कूलों कि भविष्य पर भी काले बादल मंडराते हुए नजर आ रहे हैं।
CBSE से अब उत्तराखंड बोर्ड में आएंगे अटल स्कूल
अटल उत्कृष्ट स्कूल योजना के तहत प्रत्येक ब्लॉक में त्रिवेंद्र सरकार के समय दो-दो अटल उत्कृष्ट स्कूल खोले गए थे। लेकिन सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के नतीजे आने के साथ ही पहली बार परीक्षा में शामिल हुए छात्रों के रिजल्ट को देखते हुए अटल उत्कृष्ट स्कूलों की पोल खुल गई थी।
अब शिक्षक संगठन भी अटल उत्कृष्ट स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से मान्यता हटाकर रामनगर बोर्ड से फिर से मान्यता दिलाए जाने की मांग करने लग गए। जिसको लेकर शिक्षा मंत्री के समक्ष हुई उच्च स्तरीय बैठक में भी शिक्षक संगठन ने ये मांग रखी है। जिसके बाद से इन स्कूलों के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं।
प्रदेश में सरकारी स्कूलों में लागू की गई है दोहरी व्यवस्था
राजकीय शिक्षक संगठन के अध्यक्ष राम सिंह चौहान का कहना है कि अटल उत्कृष्ट स्कूलों का उद्देश्य तो अच्छा था। लेकिन बिना होमवर्क किए और जल्दबाजी में जिस तरीके से स्कूल खोलेंगे उसका वो विरोध करते हैं।
क्योंकि दोहरी व्यवस्था सरकारी स्कूलों में लागू की गई है जिससे शिक्षकों का मनोबल भी गिर रहा है। इसलिए शिक्षक संगठन ने अटल उत्कृष्ट स्कूलों की मान्यता फिर से विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर बोर्ड से किए जाने की मांग सरकार के सामने रख दी है।
पब्लिक डोमेन में एक बार फिर मांगे जाएंगे सुझाव
इस मामले को लेकर जब शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से सवाल किया गया तो अटल उत्कृष्ट स्कूलों की मान्यता सीबीएसई से हटकर वास्तव में रामनगर बोर्ड को दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। तो शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने चौंकाने वाली जानकारी दी।
धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षकों के साथ विधायक और अभिभावक और छात्र भी मांग कर रहे हैं कि अटल उत्कृष्ट स्कूलों की मान्यता सीबीएसई की जगह रामनगर बोर्ड को ही दी जाए। इसलिए इस मामले को लेकर पब्लिक डोमेन में एक बार फिर सुझाव मांगे जाएंगे। जिसके बाद कैबिनेट के समक्ष मामले को ले जाया जाएगा।
इनपुट – मनीष डंगवाल