GST विधेयक को आज उत्तराखंड सरकार ने विधान सभा के पटल पर भी रख दिया जाहिर सी बात है कि सरकार के पास पूरा बहुमत है लिहाजा बिल कानून बन जाएगा इसमें शक की कोई गुजांइश नहीं है बहरहाल जीएसटी क्या है और इसके नफा नुकसान को समझना जरूरी है।
GST यानी Goods & services tax
इसे हिंदी में कहें तो माल एवं सेवा कर
जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर यानी इंडायरेक्ट टैक्स है। जीएसटी के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान टैक्स लगाया जाता है। जहां जीएसटी लागू नहीं है, वहां वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग टैक्स लगाए जाते हैं। इस बिल के लागू हो जाने के बाद हर सामान और हर सेवा पर सिर्फ एक टैक्स लगेगा यानी वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स जैसे 17 तरह के करों की जगह सिर्फ एक ही टैक्स लगेगा।
GST से आपको फाएदा होगा या नुकसान
जीएसटी आने के बाद देश भर के अलग अलग राज्यों में एक ही वस्तु के लिए लगने वाले अलग अलग तरह के टैक्सों की जगह एक ही टैक्स यानी जीएसटी लगेगा। अमूमन एक ही वस्तु पर अलग अलग तरह के टैक्स लगने से वो सामान महंगा हो जाता है लेकिन जीएसटी आने से उसपर सिर्फ एक ही टैक्स लगेगा और सामान 10 फीसदी तक सस्ता हो जाएगा।
यानी जो लोग ये मान कर चल रहें हैं कि जीएसटी आने के बाद महंगाई बढ़ेगी उनके अनुमान गलत साबित होंगे।
GST में तीन प्रकार होंगे
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सेंट्रल जीएसटी
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स्टेट जीएसटी और
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इंटीग्रेटेड जीएसटी
सेंट्रल और इंटीग्रेटेड जीएसटी केंद्र तय करेगा और स्टेट जीएसटी राज्य सरकार तय करेगी।
जीएसटी आने के बाद देश में टैक्स के विवादों में कमी आने की संभावना है। जीएसटी से कुछ चीजों को बाहर रखा गया है। मसलन अल्कोहल।
उत्तराखंड में अल्कोहल, क्रूड ऑयल, एविएशन फ्यूल जैसी कुल छह चीजें जीएसटी से बाहर होंगी। यानी राज्य इनपर अपने स्तर से पूर्व की भांति वैट ले सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य की आमदनी का बड़ा हिस्सा इन सामानों पर लगे वैट से आता है लिहाजा इन्हें कुछ सालों के लिए जीएसटी से अलग रखा गया है।
जीएसटी को लेकर तमाम आशंकाओं और संभावनाओं के बीच नेशनल काउंसिंल ऑफ एप्लाइड रिसर्च की एक रिपोर्ट बताती है कि जीएसटी आने के बाद देश की जीडीपी में एक से दो फीसदी तक का उछाल आ सकता है।