देहरादून, संवाददाता- शक का सांप जब फन उठाता है तो हंसते खेलते परिवार को डस कर ही चैन लेता है। साल 2015 में देहरादून में एक ऐसी वारदात हुई थी। पति को पत्नी पर शक था और पत्नी को पति पर। पत्नी को लगता था कि पति के उसकी ममेरी बहन यानि साली से संबन्ध हैं और पति को महसूस होता था कि पति उसकी गैरमौजूदगी में उसकी ममेरी बहन के साथ अय्याशी करता है। जब कभी दोनों में कहासुनी होती तो पत्नी बेटे को सिर्फ अपना बताती। पत्नी की ये दलील पति के अन्तर्मन को कहीं भीतर तक खुरच ही नहीं देती बल्कि जख्मी कर देती थी। बहरहाल शक गहराता गया और पति-पत्नी के बीच रिश्ते तल्ख होते चले गए। ये तल्खी उस हद तक बढ़ गई जहां पति पत्नी का कातिल ही नहीं अपने मासूम बच्चों की हत्या कर हैवान बन बैठा।
ससुराल से परिवार के बारे में सवाल होने लगे तो पति ने अपनी सास को भी निबटा दिया। कातिल पति ने कानून के शिकंजे से बचने की पूरी कोशिश की और कानून की आंख में धूल झोकने के इरादे से पहले अपने परिवार की गुम होने की रिपोर्ट लिखवाई और उसके बाद खुदकुशी की कहनी गढने की कोशिश की। लेकिन कहते हैं झूठ के पांव नही होते और कानून के हाथ बेहद लंबे होते हैं। यही वजह रही कि देहरादून के पटेल नगर थाना क्षेत्र में इंद्रप्रस्थ एन्क्लेव निवासी राजीव को पुलिस ने तकरीबन दो साल बाद चंडीगढ़ से गिरफ्तार कर लिय़ा।
देहरादून पुलिस के सामने आरोपी राजीव ने अपना हर गुनाह कबूल किया और उसने अपनी पत्नी गीतिका, 10 साल की बेटी इशिका सिर्फ दो साल के बेटे अरु और सास मिथलेश की हत्या के तरीकों का भी खुलासा किया। आरोपी राजीव ने हर राज को बेपर्दा करते हुए बताया कि कैसे उसने अपनी पत्नी को हाकी की स्टिक से मौत के घाट उतारा और कैसे अपने मासूम बच्चों को रुड़की में नहर पटरी में धक्का देकर मौत के हवाले कर दिया। उसके बाद तिहरे हत्याकांड के आरोपी राजीव ने 24-03-2015 में अपनी पत्नी सहित बच्चो की गुमशुदगी थाने में दर्ज करवाई । जबकि 20-जनवरी15 को ही यानि चार दिन पहले ही उसने अपने परिवार मौत के आगोश में सुला दिया था।
गुमशुदगी की छानबीन करती पुलिस जब आरोपी राजीव के देहरादून स्थित इंद्रप्रस्थ एंक्लेव के आवास पहुंची तो पुलिस को गुमशुदगी की रिपोर्ट के अगले दिन ही राजीव के घर से उसका सुसाइड नॉट मिला। इससे पुलिस का शक और गहरा गया। उधर राजीव चंडीगढ़ चला गया वहा पर एक बैंक में अकाउंटेंट का काम करने लग गया। पुलिस की जांच चंडीगढ तक पहुंच गई और पुलिस कातिल राजीव को पूछताछ के लिए देहरादून ले आई जहां पुलिसिया पूछताछ में ही राजीव टूट गया और उसने अपना जुर्म पुलिस के सामने काबुल कर लिया।