मकान किराये से अर्जित संपत्ति को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन व्यावसायिक उद्देश्य से किराये या लीज पर पर दी गई संपत्ति के जरिए सालाना 20 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई होने पर जीएसटी देना होगा। रेवेन्यू सेक्रटरी हसमुख अधिया ने कहा कि अगर मकान को दुकान या दफ्तर खोलने के लिए किराये पर लगाया गया तो 20 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगाया जाएगा।
जीएसटी मास्टर क्लास में अधिया ने कहा, ‘आवासीय मकानों (रेजिडेंशन हाउजसेज) के किराये से हुई आमदनी (जीएसटी) मुक्त है। लेकिन, अगर आपने अपना मकान को कारोबार के लिए किराये पर दे दिया तो 20 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर टैक्स देना होगा।’ छूट की सीमा से अधिक कमाई वालों को जीएसटी नेटवर्क पर रजिस्टर करवाकर टैक्स चुकाना होगा।