देहरादून- उत्तरखण्ड इण्डस्ट्रीयल एसोसिएशन ने दून विश्वविद्यालय में ’आइडियाट आॅन इनोवेटिव सस्टेनेबनल डेवलेपमेंट आॅफ उत्तराखण्ड’ का आयोजन किया। जिसके बे्रन स्टोर्मिंग सेशन का उद्घाटन राज्य के राज्यपाल डाॅ.कृष्ण कांत पाल ने किया।
कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों व इण्डस्ट्रीज के बीच आपसी समन्वय से आयोजित इस कार्यक्रम को प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण बताया। राज्यपाल ने कहा कि सतत् विकास के माध्यम से राज्य की उन्नति के लिए विश्वविद्यालयों की भूमिका भी अहम है। उन्होंने कहा कि सत्र में विचार मंथन के लिए चुने गये सभी विषय प्रासंगिक हैं। चाहे वो अच्छे स्वास्थ्य के लिए चर्चा हो या जीरो हंगर, गुणवत्तायुक्त शिक्षा, स्वच्छ पेयजल और आर्थिक विकास जैसे विषय सभी कार्यक्रम में चर्चा के लिए शामिल हैं।
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालयों व औद्योगिक संस्थानों को एकीकृत प्रणाली विकसित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य के कृषकों को बाजार मुहैया कराये जाना प्राथमिकता है। इससे पहाड़ों से पलायन को रोका सकेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में निवास करने वाले नागरिकों में आर्थिक सुरक्षा की भावना ही पलायन को रोकने में कारगर होगी। उन्होंने कहा कि यदि हमे उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य का औद्योगिक विकास करना है तो यह आवश्यक है कि किसानों को खेती में आधुनिकतम तकनीकी उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाये। साथ ही किसानों को इनके प्रयोग से होने वाले अधिक आर्थिक लाभ की जानकारी से भी अवगत कराया जाय। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास के लिए पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों को उनके उत्पादों की सप्लाई के लिए सुरक्षित सड़कें भी महत्वपूर्ण हैं। बाजारों तक पहुंच के लिए सड़क मार्गों को सुगम बनाना होगा।
राज्य के सतत विकास में राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविविद्यालय भूतकाल और भविष्य के बीच सेतु का काम करते हैं। विश्वविद्यालयों को तकनीकी के छात्रों को सीमित दायरों से आगे बढ़कर सोचने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। नये -नये अनुसंधान ही इन छात्रों के विचारों को मूर्त रूप में प्रस्तुत कर सकते है। छात्र नये विचारों, जिज्ञासाओं और साहस से भूरपूर होते हैं। विश्वविद्यालयों को छात्रों को डिजिटल इण्डिया, मेक इन इण्डिया और स्टार्ट अप इण्डिया जैसी नई पहल पर शोधकार्याें कोे बढ़ावा दिये जाने की प्र्रेरणा देनी चाहिए। इनके शोध और अनुसंधान भी उत्तरखण्ड में कई तरह की उन्नति में सहायक सिद्ध होंगे। विश्वविद्यालयों को छात्रों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना चाहिए।