देहरादून: विजिलेंस टीम ने बुधवार को सदर तहसील क्षेत्र के चंद्रबनी चोइला हलका के लेखपाल को कलक्टेट के बाहर 30 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपित के खिलाफ विजिलेंस थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उसे गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
विजिलेंस के अनुसार चंद्रबनी चोइला निवासी एक व्यक्ति ने अपनी पैतृक जमीन पर वर्षो पूर्व एक मंदिर का निर्माण कराया था। हाल ही में वह मंदिर के पास ही एक एक कमरे का निर्माण करा रहे थे। तकरीबन दो सप्ताह आरकेडिया ग्रांट हलका का लेखपाल विशंभर प्रसाद जोशी पुत्र स्व. बुद्धि बल्लभ जोशी निवासी 151 नत्थनपुर अपर निकट छह नंबर पुलिया नेहरू कालोनी मौके पर पहुंचा। लेखपाल ने पूछा कि वह किसकी इजाजत से निर्माण कार्य करा रहे हैं।
जमीन की वैध रजिस्ट्री और वन विभाग की एनओसी
उन्होंने बताया कि उनके पास जमीन की वैध रजिस्ट्री और वन विभाग की एनओसी है। इसके बावजूद लेखपाल ने तत्काल काम बंद करने को कहा, साथ ही ऐसा न करने पर थाने में शिकायत कर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजने की धमकी दी।
खर्चे पानी के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत देने को कहा
बीते 28 मार्च को लेखपाल की सूचना पर स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची, मगर जांच-पड़ताल में निर्माण को लेकर कोई गड़बड़ी न मिलने पर वापस चली गई। इस पर लेखपाल ने फोन कर शिकायतकर्ता को तेलपुर चौक स्थित स्वीट शॉप में बुलाया। यहां लेखपाल ने कहा कि तुम बिना खर्चा-पानी के निर्माण नहीं करा सकते। शिकायतकर्ता ने पूछा कि उसे क्या करना होगा। लेखपाल ने उससे एक लाख रुपये की रिश्वत देने को कहा। बातचीत में सौदा 75 हजार रुपये में तय हो गया।
शिकायतकर्ता ने की विजिलेंस को इसकी शिकायत
मगर शिकायतकर्ता ने बीते शुक्रवार को विजिलेंस को इसकी शिकायत कर दी। प्रारंभिक जांच में शिकायत सही पाए जाने पर विजिलेंस ने कार्रवाई के लिए जाल बिछाया। बुधवार को लेखपाल ने रिश्वत की पहली किश्त लेने के लिए शिकायतकर्ता को कलक्ट्रेट बुलाया। यहां कलक्ट्रेट के मेन गेट के बाहर विजिलेंस ने लेखपाल को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। पकड़े जाने के दौरान लेखपाल ने मौके से भागने की भी कोशिश की, लेकिन आसपास सादे वेश में मौजूद टीम ने उसे पकड़ लिया। निदेशक विजिलेंस राम सिंह मीणा ने विजिलेंस की ट्रैप टीम को दस हजार रुपये नकद इनाम देने की घोषणा भी की है