हरिद्वार- हरिद्वार पहुंची राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य डॉक्टर स्वराज विद्वान ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी आदेशों को तुगलकी फरमान करार दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही 2 अप्रैल को दलित समाज में आक्रोश फैला और कई वर्गों के लोगों ने उसका गलत तरीके से लाभ उठाया। उनका कहना है कि आंदोलन करना प्रजातंत्र में बुरी बात नहीं है औऱ अपनी मांगों के लिए आंदोलन बिल्कुल गलत नहीं है.
गौरतलब हो कि 2 अप्रैल को दलित समाज के लोगों ने भारत बंद का ऐलान किया था वो इसलिए क्योंकि वह एससी-एसटी एक्ट में हुए बदलाव और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ थे. भारत बंद के दौरान कइयों की जानें गई थी औऱ सम्पत्ति को भी काफी नुकसाम पहुंचाया गया था.