हल्द्वानी से हैरान के साथ ही शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। जहां पर एक व्यक्ति की मौत के बाद एंबुलेंस ना मिलने के कारण उसके परिजनों को उसके शव को टैक्सी की छत से बांधकर ले जाना पड़ा।
टैक्सी की छत से शव को बांधकर ले गए परिजन
हल्द्वानी में सड़क हादसे में चंपावत निवासी एक निजी स्कूल के शिक्षक की मौत हो गई। जिसके शव को घर ले जाने के लिए कोई भी एंबुलेंस चालक तैयार नहीं हुआ। जिसके बाद परिजन शिक्षक के शव को चंपावत जाने वाली टैक्सी की छत से बांधकर घर ले गए।
मिन्नतें करने पर भी नहीं माने एंबुलेंस ड्राइवर
चंपावत निवासी शिक्षक की मौत के बाद परिजन जब हल्द्वानी पहुंचे तो उन्होंने शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस चालकों से संपर्क किया। एंबुलेंस चालकों ने शव को ले जाने से इंकार कर दिया और जिसने हामी भरी तो उसने रकम इतनी बोली जो परिजनों के पास नहीं थी।
कई बार मिन्नतें करने के बाद भी एंबुलेंस चालक कम पैसे में शव को ले जाने के लिए नहीं माने। जिसके बाद मजबूर होकर परिजनों को शव को टैक्सी की छत पर बांधकर ले जाना पड़ा।
सड़क हादसे में गई थी शिक्षक की जान
मिली जानकारी के मुताबिक चंपावत निवासी बलदेव प्रसाद चंपावत में प्राइवेट स्कूल में शिक्षक थे। हल्द्वानी में वो अपने इंटरव्यू के सिलसिले में आए थे। हल्द्वानी में वो अपने रिश्तेदार के वहां रूके थे।
मंगलवार शाम चोरगलिया से बाइक से हल्द्वानी आ रहे थे तभी कार ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गए। जिसके बाद उन्हें रात 11 बजे सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां बुधवार सुबह उनकी मौत हो गई।
टैक्सी की छत पर बांध 130 किमी दूर ले गए शव को
पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव को परिजनो को सौंप दिया। जिसके बाद उन्होंने कई एंबुलेंस चालकों से बात की लेकिन कोई भी नहीं माना। एंबुलेंस चालक जो पैसे मांग रहे थे परिजन वो देने में सक्षम नहीं थे। जिसके बाद वो टैक्सी स्टैंड पहुंचे। शव चादर में लपेटा और टैक्सी की छत पर बांध दिया। जिसके बाद वो शव को ऐसे ही हल्द्वानी से 130 किमी दूर चंपावत ले गए।