ब्यूरो- NGT (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) ने THDC जैसी जल विद्युत निगम को आईना दिखाते हुए जुर्माने का चाबुक चलाया है। प्राधिकरण ने 12 अप्रैल 2016 की एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए THDC को 50 लाख का जुर्माना देने का फरमान सुनाया।
दरअसल दायर याचिका मे कहा गया था कि टीएचडीसी निर्माणाधीन बांध परियोजना का मलबा अलकनंदा नदी में गिरा रहा है। इस आरोप को टीएचडीसी ने स्वीकार भी किया था और मलबा साफ कराने का आश्वासन भी दिया था। इसके साथ ही यचिका में आरोप लगाया गया था कि THDC ने उन शर्तों को भी ठेंगे पर रखा है जिनकी मंजूरी परियोजना के लिेए पर्यावरण महकमे ने दी थी। लिहाजा अलकनंदा को पहुंचाए नुकसान पर नाराज होते और उसके नाफरमानी रवैए को देखते हुए NGT ने टीएचडीसी को ये कड़ा फरमान सुनाया है।
अलकनंदा नदी को प्रदूषित करने के जुर्म में NGT ने टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कार्पोरेशन को जुर्माने की रकम जमा करने के लिए सिर्फ दो हफ्तों की मोहलत दी है। 14 दिनों के भीतर THDC को पचास लाख रूपए की रकम केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को देनी होगी।
पचास लाख की रकम को एनजीटी के आदेश पर संबंधित इलाके की आबोहवा को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। तय है कि ऐसे आदेशों से अब पर्यावरण को अपनी मर्जी से विकास की सूली पर टांगने वाली संस्थाओं की मनमर्जी पर लगाम लगेगी।