सरकार ने नोटबंदी के बाद कैश में लेनदेन पर रोक लगाने की ठान ली है। कैश में लेनदेन पर शिकंजा कसने के लिए तैयारी हो चुकी है। अब सेविंग और सैलरी अकाउंट से लेनदेन पर टैक्स लगेगा। नया नियम मार्च के महीने से शुरू हो जाएगा।
सेविंग और सैलरी अकाउंट से लेनदेन पर लगेगा टैक्स
कैश में लेनदेन पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने लनियम लागू करने वाली है। एक मार्च से खाते से कैश निकालने और जमा करने पर बैंकों में कैश हैंडलिंग चार्ज लगेगा। इसके लिए निजी बैंकों ने दरें भी जारी कर दी है। सरकारी बैंक भी इसके लिए तैयारी कर रहे हैं। नए नियम के मुताबिक हर महीने पहले चार लेनदेन मुफ्त रहने के बाद चार्ज लिया जाएगा।
कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ला रही ये नियम
सरकार कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए ये नियम लेकर आ रही है। कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कैश निकालने और जमा करने पर यह नए नियम लागू किए हैं। इसके तहत न सिर्फ अपने खाते से कैश के लेन-देन बल्कि थर्ड पार्टी के कैश जमा करने में भी 150 रुपये कैश हैंडलिंग चार्ज के अलावा सर्विस टैक्स और सेस लगेगा।
यह होगा कैश हैंडलिंग चार्ज
कैश हैंडलिंग चार्ज के मुताबिक एक व्यक्ति को खाते में कैश जमा करने या निकालने के लिए महीने में केवल चार मौके मुफ्त मिलेंगे। इसके बाद पांचवें ट्रांजेक्शन में 150 रुपये कैश हैंडलिंग चार्ज के अलावा सर्विस टैक्स और सेस मिलाकर करीब 173 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
होम ब्रांच में केवल दो लाख रुपये एक यह में कैश जमा किया जा सकता है। दो लाख से ऊपर जमा कराने पर पांच रुपये प्रति हजार 150 रुपये कैश हैंडलिंग चार्ज, सर्विस टैक्स अलग से लगेगा।
खास बात यह है कि दो लाख की सीमा के बाहर अगर दस हजार भी अतिरिक्त जमा कराए तो उस पर भी 150 रुपये कैश हैंडलिंग चार्ज, सर्विस टैक्स, सेस और पांच रुपये प्रति हजार शुल्क लगेगा।
नॉन होम ब्रांच में आप एक दिन में अधिकतम 25 हजार रूपये जमा कराए सकते हैं। इससे ऊपर कैश जमा कराने पर पांच रूपये प्रति हजार के अलावा 150 रुपये सर्विस टैक्स और सेस अलग से लगेगा।
इसके साथ ही थर्ड पार्टी को कैश लेन-देन एक दिन में अधिकतम 25 हजार रुपये तक ही किया सकता है। इस से ऊपर कैश का लेन-देन में 150 रुपये सर्विस टैक्स और सेस अलग से लगेगा। 25 हजार से ज्यादा कैश ट्रांजेक्शन को अनुमति नहीं।