महाराष्ट्र: महाराष्ट्र मामले की सुनवाई सुप्रीकोर्ट में हो रही है। पूरे मामले में अब तक की सुनवाई में अभिषेक मनुसिंघवी और कपिल सिब्बल ने पूरी तरह से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को तारगेट किया है। राज्यपाल की भूमिका पर सवाल खड़े किये गए हैं। याचिका में कहा गया कि इस मामले के तथ्य दर्शाते हैं कि राज्यपाल ने ‘संवैधानिक पद की गरिमा को कमतर किया और अवैध तरीके से सत्ता हड़पने की बीजेपी की इच्छा के लिए खुद को मोहरा बना दिया। फर्नांडिस के जरिए दायर याचिका में दावा किया गया है कि ‘बीजेपी की अल्पमत वाली सरकार’ बनवाने का राज्यपाल का कार्य अवैध और असंवैधानिक है। इसमें आगे कहा गया कि शिवसेना, NCP और कांग्रेस गठबंधन के पास 288 सदस्यीय विधानसभा में संयुक्त रूप से ‘स्पष्ट बहुमत’ है और यह स्पष्ट है कि बीजेपी के पास ‘144 विधायकों का जरूरी आंकड़ा नहीं है।’
फ्लोर टेस्ट के लिए अलग से भी याचिका दायर
फडणवीस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किये जाने के फैसले को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका में कहा गया कि यह, ‘असंवैधानिक, मनमाना और अवैध’ तथा संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। शिवसेना, NCP और कांग्रेस ने एक अलग याचिका दायर कर राज्यपाल को यह निर्देश देने की मांग की है कि वह विधायकों के शपथ लेने और शक्ति परीक्षण के लिए विशेष सत्र बुलाएं।