देहरादून : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने आशुलिपिक-वैयक्तिक सहायक पदों पर चयनित 73 अभ्यर्थियों का अभ्यर्थन निरस्त करने से पहले उन्हें एक बार सुनवाई का मौका दिया है। सीसीसी कंप्यूटर प्रमाणपत्र की अर्हता पूरी न करने वाले उक्त अभ्यर्थी 15 दिन के भीतर आयोग के समक्ष लिखित में अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकेंगे। आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस संबंध में 29 अक्टूबर तक प्राप्त प्रत्यावेदनों पर ही विचार होगा। फिलवक्त आयोग की ओर से आशुलिपिक-वैयक्तिक सहायक के 120 पदों के लिए जारी परीक्षा परिणाम को स्थगित कर दिया है।
आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि आशुलिपिक-वैयक्तिक सहायक के 176 पदों के लिए 20 नवंबर 2015 को भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की थी। छह नवंबर 2016 में लिखित परीक्षा हुई और इस साल 26 मार्च को टंकण और फिर 15 व 17 जून को आशुलेखन परीक्षा आयोजित की गई।
120 अभ्यर्थियों को तीनों परीक्षा के उपरांत अभिलेख सत्यापन के लिए चयनित किया गया। इनमें से 114 सत्यापन को उपस्थित हुए। इससे पहले कुछ अभ्यर्थियों ने यह अनुरोध प्रस्तुत किया कि उनका चयन सिंचाई विभाग के लिए किया गया है, लेकिन उनके पास विभाग के लिए अनिवार्य ट्रिपल सी कंप्यूटर प्रमाणपत्र नहीं हैं।
आयोग के सचिव संतोष बडोनी के मुताबिक यह मसला छह सितंबर को आयोग की बैठक में रखा गया, क्योंकि 11 व 12 सितंबर की तिथियां अभिलेख सत्यापन को निर्धारित की गई थीं। बताया गया कि 176 में से 52 पद सिंचाई विभाग के हैं और अधियाचन में नियुक्ति प्राधिकारी ने ट्रिपल सी कंप्यूटर प्रमाणपत्र को अनिवार्य अर्हता बताया है। यही नहीं, सिंचाई विभाग के लिए चयनित होने वाले अभ्यर्थियों ने प्रथम, द्वितीय व तृतीय विकल्प के रूप में सिंचाई विभाग को ही चुना। कुछ अभ्यर्थी ऐसे भी पाए गए, जिनका चयन तो सिंचाई विभाग से भिन्न विभाग के लिए हुआ मगर इन्होंने चौथे, पांचवें या दसवें विकल्प के रूप में सिंचाई विभाग का नाम दिया गया।
लिहाजा, अनिवार्य अर्हता पूर्ण न होने के बावजूद दो विभागों का विकल्प देने वाले 73 अभ्यर्थियों का अभ्यर्थन निरस्त करने पर विचार हुआ। लेकिन यह तय किया गया कि अभ्यर्थन निरस्त करने से पहले उक्त अभ्यर्थियों को पक्ष रखने का मौका दिया जाए। बडोनी ने बताया कि इन सभी की सूची आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की जा रही है। इसके आधार पर वे 29 अक्टूबर तक अपना पक्ष आयोग को उपलब्ध करा सकते हैं।