देहरादून : राज्य में लगातार घटती छात्रों की संख्या ने तकरीबन 2400 सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद होने के कगार पर पहुंचा दिया है। दस या इससे कम छात्रसंख्या वाले ऐसे विद्यालयों को नजदीकी विद्यालयों में मिलाने के आदेश शुक्रवार को विद्यालयी शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट ने जारी किए। उक्त विद्यालयों को विलीन करने से उनमें कार्यरत करीब पांच हजार शिक्षकों को भी झटका लगना तय है। इन सरप्लस शिक्षकों को भी नजदीकी विद्यालयों में रिक्त पदों पर समायोजित किया जाएगा।
प्रदेश में सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्रसंख्या में हर साल गिरावट दर्ज की जा रही है। राज्य गठन के बाद से अब तक सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में छात्रसंख्या घटकर 50 फीसद से कम रह गई है।
बीते माह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के साथ शिक्षक संगठनों की बैठक में भी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में घटती छात्रसंख्या का मुद्दा उठा था। मुख्यमंत्री ने कम छात्रसंख्या वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को नजदीकी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विलीन करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशक की ओर से इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया था।
शासन ने दस या इससे कम छात्रसंख्या वाले विद्यालयों को आरटीई के मानक के मुताबिक एक किमी की दूरी के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय उपलब्ध होने की दशा में विलीन करने के आदेश दिए हैं। निदेशालय को विलीनीकरण की कार्यवाही से पहले ऐसे विद्यालयों को चिह्नित करने को कहा गया है।
प्रभारी शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट ने निदेशालय स्तर से विद्यालयों के विलीनीकरण की कार्यवाही को प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि राज्य में तकरीबन 2400 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्रसंख्या दस या इससे कम रह गई है।