Special Assembly Session LIVE: विधानसभा के विशेष सत्र की कार्रवाई एक बार फिर शुरू हो गई है। सत्ता पक्ष के और विपक्ष के विधायक सदन में पहुंच गए हैं।
सदन में गूंजा मसूरी के जार्ज एवरेस्ट जमीन लीज का मामला
सदन में मसूरी के जार्ज एवरेस्ट जमीन लीज का मामला भी नेता प्रतिपक्ष ने उठाया। उन्होंने कहा पर्यटन विभाग की 760 बीघा (122 एकड़) जमीन है। विभाग ने विश्व बैंक से इस जमीन के सुधारीकरण के लिए 23 करोड़ का लोन लिया था। लेकिन पर्यटन विभाग ने इस जमीन को अब किसी निजी कंपनी को 1 करोड़ के सालाना कीमत पर लीज में दे दिया है। जबकि इसका बाजार मूल्य के तहत इसकी कीमत आज भी 27 हजार करोड़ से ज्यादा है।
नेता प्रतिपक्ष ने अफसरों को दी चेतावनी
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब अफसर मंत्री और विधायकों के फोन तक नहीं उठाते हैं। आर्य ने अफसरों की चेतावनी दी कि सबका हिसाब किताब रखा जाएगा। आज नहीं तो कल उनसे हिसाब लिया जाएगा।
यशपाल आर्य ने कहा राज्य में 2017 में 40 हजार करोड़ का कर्ज था। 2017 से 2025 तक 8 सालों में राज्य पर कर्ज 1 लाख करोड़ के पार पहुंच गया। उन्होंने कहा आर्थिक विकास दर 2019 में 20% थी, जो अब घटकर 11.7% रह गई है।
आंदोलनकारियों के संघर्ष, बलिदान और संकल्प का प्रतीक है उत्तराखंड: आर्य

विशेष सत्र में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने राज्य निर्माण के इतिहास पर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड राज्य का निर्माण किया, जिसे हम सब सम्मानपूर्वक स्वीकार करते हैं, लेकिन अतीत के पन्नों को पलटकर देखना भी जरूरी है।
यशपाल आर्य ने कहा कि पृथक राज्य आंदोलन के दौरान लोगों ने अहिंसा के मार्ग को अपनाया। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस का आंदोलन इस विचार पर आधारित था कि बिना हिंसा के भी बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि श्रीनगर गढ़वाल में हुए कांग्रेस अधिवेशन में उस समय के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी शामिल हुए थे, और वहीं पृथक राज्य की मांग को उनके समक्ष रखा गया था।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उस समय इस मुद्दे पर एक समिति का गठन हुआ था, जिसके संयोजक पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बने थे। साथ ही, 1998 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में छोटे राज्यों के गठन का प्रस्ताव भी कांग्रेस ने पारित किया था। यशपाल आर्य ने यह भी कहा कि सतपाल महाराज ने भी पृथक उत्तराखंड राज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आर्य ने कहा कि यह राज्य हजारों आंदोलनकारियों के संघर्ष, बलिदान और संकल्प का प्रतीक है।
संसदीय कार्यमंत्री ने गिनाई उपलब्धियां
चर्चा के दौरान संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल ने सरकार की उपलब्धियां गिनाने का काम किया। उनियाल ने कहा 1952 से एक अलग राज्य गठन की लड़ाई शुरू हुई थी। जिसके बाद 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ। जिसके बाद 2 बार कांग्रेस और 3 बार बीजेपी को उत्तराखंड के विकास में सेवा देना का मौका मिला। उनियाल ने आगे कहा कि रेलवे, रोड, रोपवे कनेक्टिविटी में आज प्रदेश ने नए आयाम स्थापित किए हैं।




