Special Assembly Session LIVE: उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। विशेष सत्र के दूसरे दिन की कार्रवाई शुरू हो गयी है। सदन में संसदीय कार्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष सहित पक्ष-विपक्ष के नेता पहुंच गए हैं। आज सदन में आगामी 25 साल के विकास के रोडमैप पर चर्चा होगी।
सदन की कार्रवाई स्थगित
सदन की करवाई कल 11 बजे तक की गई स्थगित
विपक्ष को देखना चाहिए सारकोट गांव का विकास
सीएम ने कहा कि गैरसैंण का मुद्दा भी इस सदन में उठाया गया, लेकिन विपक्ष के माननीय सदस्यों को याद रखना चाहिए कि मैंने स्वयं गैरसैंण के पास सारकोट गांव को गोद लिया है, जहां आज विपक्ष को जाकर देखना चाहिए कि कितना विकास हुआ है।
2001 में लागू हुई नई पर्यटन नीति
सीएम ने कहा 2001 में नई पर्यटन नीति लागू की गई। देहरादून को अस्थाई राजधानी बनाने की घोषणा की हुई। जिसके बाद 2002 में कांग्रेस को प्रदेश की सेवा करने का मौका मिला और स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी की सरकार ने पर्यटक और औद्योगिक को बढ़ावा देने का काम किया। इसके साथ ही सिडकुल और IT को लाने का काम किया गया। सीएम ने आगे कहा 2013 में उत्तराखंड को केदारनाथ जैसी भीषण आपदा का सामना करना पड़ा, जिसने राज्य को आर्थिक और सामाजिक तौर पर प्रभावित किया। कोरोना महामारी के बीच मुझे भी मुख्य सेवक के रूप में इस राज्य की जिम्मेदारी को संभालने का मौका दिया गया।
आंदोलन में महिलाओं की थी महत्वपूर्व भूमिका
सीएम ने अपने संबोधन में आगे कहा कि 1960 और 70 में जब नए राज्य का गठन हुआ तब उत्तराखंड के लोगों में भी यह विश्वास आ गया कि हमारे लिए भी राज्य की मांग पूरी होगी। आंदोलन शुरू हुआ। जिसमें महत्वपूर्ण भूमिका राज्य की महिलाओं की थी। लेकिन सबसे दर्दनाक मुजफ्फरनगर और मसूरी गोलीकांड का मंजर था। इस तरह से 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड राज्य का गठन हो गया।
स्वर्गीय प्रकाश पंत और इंदिरा हृदयेश को दी श्रद्धांजलि
सीएम ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई को नमन किया। जिसके बाद सीएम ने अपने संबोधन में स्वर्गीय प्रकाश पंत और स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश को दी श्रद्धांजलि दी। सीएम ने कहा उत्तराखंड के विकास को आगे बढ़ाने के लिए विपक्ष के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों का सम्मान करता हूं।
सदन में पहुंचे सीएम धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सदन में पहुंच गए हैं। सीएम धामी का संबोधन शुरू हो गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सदन में बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग तेज
राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर आयोजित दो दिवसीय विशेष सत्र में राज्य के 25 सालों की उपलब्धियों और आने वाले 25 सालों की कार्ययोजना पर चर्चा जारी है। इस बीच गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग एक बार फिर ज़ोर पकड़ने लगी है। सत्र के दूसरे दिन बद्रीनाथ से कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने की पुरज़ोर मांग की। उन्होंने कहा कि जनभावना का सम्मान करते हुए पहाड़ की राजधानी, पहाड़ में ही होनी चाहिए। बुटोला ने कहा कि 1938 से लेकर राज्य आंदोलन तक, जब 9 जिलों को लेकर आंदोलन शुरू हुआ, तब से ही लोगों की यही अवधारणा रही है कि उत्तराखंड की राजधानी पहाड़ में बने। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि उत्तराखंड की अस्मिता और जनभावना से जुड़ा प्रश्न है, जिस पर अब किसी भी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए।
विशेष सत्र की अवधि बढ़ाई
कार्यमंत्रणा की बैठक खत्म हो गई है। बैठक में विशेष सत्र की अवधि बढ़ाने का फैसला लिया है। कल तक के लिए सत्र की अवधि बढ़ा दी है।
सदन में उठा गैरसैंण का मुद्दा
उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र चल रहा है। राज्य के 25 साल का लेखा–जोखा और अगले 25 वर्षों की कार्ययोजना पर चर्चा हो रही है। सत्र के दूसरे दिन खानपुर विधायक उमेश कुमार ने सदन में स्थाई राजधानी गैरसैंण का मुद्दा उठाया।
सैनिक होने के चलते मिला ये पद: जोशी
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का बयान सामने आया है। मंत्री ने कहा अगर मैं सैनिक नहीं होता, तो आज विधायक और मंत्री भी नहीं होता। आज मेरे मंत्री होने के पीछे मेरी सैनिक पृष्ठभूमि का बहुत बड़ा हाथ है। जोशी ने कहा पार्टी ने मुझे अगर मंत्री पद की जिम्मेदारी दी है तो मेरे सैनिक होने की वजह से दी है। यही वजह है कि सैनिक कल्याण विभाग जैसा महत्वपूर्ण विभाग मुझे दिया गया है। जोशी ने कहा जिस विभाग को कभी कोई जानता नहीं था। जब मुझे मेरे पसंद का विभाग दिया गया तो उस विभाग ने आजआयाम स्थापित किए हैं।



