Big News : उत्तराखंड : 22 साल की उम्र में शहीद हुआ था बेटा, मां मंदिर बनाकर हर रोज करती है पूजा - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड : 22 साल की उम्र में शहीद हुआ था बेटा, मां मंदिर बनाकर हर रोज करती है पूजा

Reporter Khabar Uttarakhand
3 Min Read
Badrinath

Badrinath

देहरादून : कारगिल युद्ध में उत्तराखंड समेत कई राज्यों के वीर जवानों ने शहादत दी थी जिन्हें आज पूरा देश याद करता है और नमन करते हुए उन्हें कारगिल दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। वहीं इस युद्ध में उत्तराखंड के भी कई वीर बहादुरों ने शहादत पाई। इस युद्ध में देहरादून बडोवाला निवासी 22 साल के सुरेंद्र सिंह नेगी भी शहीद हुए थे। एक मां ने अपने बेटे को महज 22 साल की उम्र में खो दिया। आज भी जब बेटे के बारे में मां से बात की जाती है तो बूढ़ी मां की आंखें बेटे को याद कर नम हो जाती है। शहीद की मां आज भी बेटे का मंदिर बनाकर रोज साफ-सफाई और पूजा करती है। दो महीने की छुट्टी काटकर वापस जाने के बाद महज 5 दिन बाद बेटे की शहादत की खबर आएगी ये किसको पता था। जब मां ने ये खबर सुनी तो सुद्ध बुद्ध खो बैठी थी। आज कारगिल दिवस के दिन मां ने बेटे को श्रद्धांजलि अर्पित की। हालांकि मां रोज घर के पास में बने शिलापट और मंदिर में बेटे की पूजा करती है और मंदिर में साफ सफाई करती है।

दो महीने की छुट्टी में बेटे ने कई जगह घुमाया था-शहीद की मां

मां ने बेटे को याद कर बताया कि उनका बेटा सुरेंद्र सिह 1994 में सेना में भर्ती हुई था। उसे बचपन से सेना में जाने की ललक थी। जब भर्ती निकली तो वो बिन बताए घर से चला गया। और 22 साल की उम्र में शहीद हो गया। मां गोमती ने बताया कि दो महीने की छुट्टी में बेटे ने कई जगह घुमाया था और छुट्टी से जाने के महज 5 दिन बाद उसकी शहादत की खबर आई।

मां ने घर के बगल में बनाया मंदिर 

बता देंं कि बेटे की याद में मां ने घर के बगल में मंदिर बनाया है। उसमें वह सुबह-शाम सुरेंद्र की पूूजा करती हैं। प्रेमनगर में सुरेंद्र के नाम से एक शिलापट लगाया है। उसकी मां रोज सुबह जाकर शिलापट की सफाई कर फूल आदि चढ़ाती हैं। मां गोमती कहती हैं कि उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने देश के लिए शहादत दी।

Share This Article