संवाददाता। भाजपा ने उत्तराखंड में 64 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा भले ही कर दी हो लेकिन सूबे की 6 सीटों पर अभी तक प्रत्याशियों का चयन नहीं कर पाई है। माना जा रहा है कि इन सीटों पर कहीं भाजपा के पास दो-दो उम्मीदवार हैं तो कहीं-कहीं कांग्रेस के बड़े नेताओं के खिलाफ चुनाव लड़ाने के लिए भाजपा के पास मजबूत चेहरे नहीं है।
रामनगर
अमृता रावत कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुई। जहां भाजपा का प्रत्याशी दिवान सिंह पहले ही चुनावी रण के लिए तैयार है। जानकारी के मुताबिक यहां की सीट पर इसलिए पेंच फसा है कहीं अमृता रावत को टिकट देने के बाद दिवान सिंह पार्टी से फुर्र न हो जाए।
हल्द्वानी
हल्द्वानी से कांग्रेस के पास इंदिरा हृदेश मजबूत चेहरा हैं और इनके खिलाफ 2012 में भाजपा की प्रत्याशी रेनु अधिकारी 23 हजार से अधिक वोटों से हारी थी। इस लिए भाजपा यहां मजबूत चेहरा देना चाहती है। माना यह भी जा रहा है कि हल्द्वानी से एनडी तिवारी के जैविक पुत्र रोहित शेखर तिवारी को भी टिकट देने पर मंथन चल रहा है।
भीमताल
भीमताल सीट से भाजपा विधायक दान सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। जिसके चलते भाजपा के पास यहां मजबूत चेहरा नहीं है।
चकराता, विकासनगर
चकराता और विकासनगर से भाजपा के पास मजबूत चेहरों की फौज है। जिसमें मुन्ना सिंह चौहान, मधु चौहान, रामशरण नौटियाल, कुलदीप हैं। यहां भाजपा के पास किन्ही दो चेहरों पर दांव खेलना इस लिए भारी पड़ रहा है क्योंकि कांग्रेस के पास दो मजबूत चेहरे हैं चकराता से प्रीतम सिंह विकासनगर से नवप्रभात।
धर्मपुर
धर्मपुर में भाजपा के पास दो मजबूत दावेदार हैं। एक बीजेपी महानगर अध्यक्ष हैं और दूसरे सिटिंग मेयर विनोद चमोली है। किसी एक को टिकट देने पर इस लिए कतरा रहे हैं क्योंकि कहीं दूसरा पार्टी ने नाराज होकर पार्टी से बगावत न कर ले।
ऐसे मे भाजपा अब फूंक-फूंककर कदम रख रही हैं कि कहीं और बड़े नेता पार्टी से बगावत न कर लें जिससे पार्टी को बड़ा नुकसान न उठाना पड़े। क्योंकि कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी से बगावत का झंडा बुलंद कर लिया है।