उत्तराखंड शिक्षा विभाग से बड़ी खबर सामने आ रही है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने प्रधानाचार्य के सीधे पदों पर भर्ती पर कुछ छूट दी है। धन सिंह रावत ने कहा कि जो प्रवक्ता सीधी भर्ती से प्रवक्ता नहीं बल्कि एलटी संवर्ग से प्रवक्ता बने है। उन्हें प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती में कुछ वर्षों की छूट दी जा सकती है।
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा की जिस तरह से एलटी शिक्षकों का विरोध देखने को मिल रहा है। प्रधानाचार्य के सीधे पदों पर भर्ती को लेकर यदि शिक्षकों को कोई दिक्कत है तो उसको लेकर वर्ष की जो बाध्यता है उसमें बदलाव किया जा सकता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानाचार्य के सीधे पदों पर भर्ती को लेकर शिक्षक संगठनों से राय ली गई थी।
प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती में कुछ वर्षों की छूट के संकेत
लेकिन अब जिस तरीके से कुछ शिक्षक उनके पास आए और प्रधानाचार्य के सीधे पदों पर भर्ती को लेकर जो मानक प्रवक्ता पदों का है उसे यथावत रखा जाएगा। लेकिन ऐसे प्रवक्ता जो सीधी भर्ती से प्रवक्ता नहीं बल्कि एलटी संवर्ग से प्रवक्ता बने हैं। उन्हें प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती में कुछ वर्षों की छूट दी जा सकती है।
पद की योग्यता को रखा गया है 10 वर्ष
शिक्षा मंत्री ने कहा की अभी तक जो नियमावली प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती को लेकर बनी है। उसके तहत जिन प्रवक्ताओं को 10 साल की सेवा हो जाएगी। वो प्रधानचार्य सीधी भर्ती के पदों के लिए योग्य होंगे। बता दें शिक्षक संगठन और शिक्षक भी लगातार यही मांग कर रहे हैं कि 10 साल के नियम से एलटी संवर्ग से प्रमोशन के बाद प्रवक्ता बने शिक्षकों को इसमें छूट मिले।
दूसरी तरफ शिक्षा मंत्री ने साफ किया है कि पहले प्रधानाचार्य के पदों पर प्रमोशन के जरिए पद भरे जाएंगे। जो पद प्रमोशन होने के बाद खाली रहेंगे उन पर सीधी भर्ती कराई जाएगी।