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Tehri की सबसे कम उम्र की प्रधान बनीं Shivani Rana, बीएड की छात्रा को उपचुनाव में ग्रामीणों ने निर्विरोध चुना

Uma Kothari
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Shivani Rana Becomes Youngest Village Head Tehri Garhwal

Uttarakhand Shivani Rana Becomes Youngest Village Head Tehri Garhwal: उत्तराखंड को अबतक की सबसे कम उम्र की ग्राम प्रधान मिल गई है। टिहरी जिले के भिलंग क्षेत्र की ग्राम सभा धारगांव में पंचायत उपचुनाव में बीएड की छात्रा शिवानी राणा को निर्विरोध ग्राम प्रधान चुना गया। इसी के साथ शिवानी टिहरी जिले की सबसे कम उम्र की ग्राम प्रधान बनी है।

बताते चलें कि जुलाई में हुए पंचायत चुनाव में उन्होंने प्रधान पद के लिए नामांकन भरा था। लेकिन उस समय नामांकनपत्र जांच के दौरान उनकी उम्र 21 वर्ष से तीन माह कम पाई गई थी। जिसके चलते उनका उस दौरान नामंकन रद्द हो गया था।

Shivani Rana

टिहरी की सबसे कम उम्र की प्रधान बनीं शिवानी राणा Shivani Rana Becomes Youngest Village Head Tehri Garhwal

शिवानी राणा की जन्मतिथि 16 अक्तूबर 2004 है। जिसके चलते 21 वर्ष की आयु पूरी करने के लिए शिवानी को 16 अक्तूबर 2025 तक का इंतजार करना पड़ा। अब उपचुनाव की प्रक्रिया में दोबारा नामांकन भरे गए तो धारगांव से अकेले शिवानी राणा ने ही नामांकन किया।

शनिवार को अंतिम तिथि तक किसी अन्य प्रत्याशी ने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया। पंचायत चुनाव के समय ही ग्राम सभा के लोगों ने स्पष्ट कर दिया था कि शिवानी ही उनकी अगली प्रधान होंगी। ग्रामीणों का कहना था कि भविष्य में यदि प्रधान पद सामान्य महिला वर्ग में भी आ जाए, तब भी वे शिवानी का ही समर्थन करेंगे।

उपचुनाव में कोई दूसरा उम्मीदवार सामने नहीं आया

ग्रामीणों की आपसी सहमति से उपचुनाव में कोई दूसरा उम्मीदवार सामने नहीं आया। जिसके चलते शिवानी निर्विरोध प्रधान चुनी गई। शिवानी चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर की हैं। उनके पिता विशाल सिंह राणा वाहन चालक हैं। तो वहीं मां सुमित्रा राणा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं।

पहली प्राथमिकता सड़कों को देंगी शिवानी

शिवानी ने पिछले वर्ष हेमवंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से बीएससी में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है और इस सत्र में वह बीएड कर रही हैं। उन्होंने बताया कि पढ़ाई जारी रखते हुए वो पंचायत की जिम्मेदारियां भी संभालेंगी। भविष्य में उनका लक्ष्य शिक्षा की फील्ड में करियर बनाना है। उन्होंने बताया कि धारगांव में सबसे बड़ी समस्या संकरे और क्षतिग्रस्त रास्तों की है।

प्रधान के रूप में उनकी पहली प्राथमिकता रास्तों को दुरुस्त कराने की होगी। उपचुनाव में ग्राम पंचायत के सात वार्ड सदस्यों के पदों में से पांच वार्डों में सहमति बन चुकी है। पांच ग्राम पंचायत सदस्य निर्विरोध चुने गए हैं।

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