लखनऊ- उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे पर काम बनता दिख रहा है। आज लखनऊ में सूबे के सीएम टीएसआर ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से इस लटके हुए मसले को लेकर मुलाकात की।
मुलाकात के बारे मे सीएम ने बताया कि दोनो पक्षों के बीच तकरीबन सभी लंबित मुद्दों के अलावा भ्रटाचार और विकास समेत कई मसलों पर बातचीत हुई। जिस पर तय किया गया कि सभी लम्बित मामलों पर सहमति बनाते हुए समयबद्ध तरीके से निपटा दिया जाएगा।
इसके लिए दोनों राज्य सभी मामलों का एक कम्पलीट नोट तैयार करेंगे जिसमें दोनों राज्यों का पक्ष दर्ज होंगे। सोलह साल से लटके मामलों के लिए जल्द ही दोनों राज्यों के मुख्य सचिव स्तर की बैठक की जाएगी और जिन मामलों में सहमति बन जाती है, उन पर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। जबकि जहां जरूरत होगी, वहीं संबंधित विभागीय मंत्रियों के स्तर पर सहमति बनाई जाएगी।
जबकि जिन मामलों में इस दोनों स्तरों पर सहमति नहीं बन पाएगी वहां सीएम स्तर पर मामलों को निबटाया जाएगा। वहीं अगर कुछ लंबित मामलों में अगर सहमति इन तीनों स्तरों पर नहीं बन पाएगी तो वहां उभरे मतभेदों को भारत सरकार के स्तर से निबटाया जाएगा और केंद्र का निर्णय दोनों पक्षों को मंजूर होगा।
बैठक में टिहरी बांध परियोजना से उत्पादित बिजली में हिस्सेदारी, सिंचाई विभाग की परिसम्पत्तियों जिनमें आवासीय अनावासीय भवनों, खाली पड़ी भूमि, हरिद्वार कुम्भ क्षेत्र में यूपी के कब्जे वाला परिसंपत्तियों के हस्तांतरण के मामले शामिल है।
इसके अलावा जमरानी बांध, विभिन्न जलाशयों, उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग पर बकाया बिजली के बिल, परिवहन विभाग के तहत पेसेंजर टैक्स के भुगतान, किच्छा बस स्टेशन के हस्तांतरण, पेंशन दायित्वों की पूर्ति समेत पर्यटन, वन, शिक्षा, सहकारिता आदि विभागों के मामलों पर भी चर्चा की गई।
बैठक में सीएम के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, राज्य के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।