रामलला को प्राण प्रतिष्ठा से पहले नगर भ्रमण नहीं कराया जाएगा। रामलला अब सिर्फ जन्मभूमि परिसर का ही भ्रमण करेंगे। सोमवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने सुरक्षा कारणों से यह फैसला लिया। बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा काशी के विख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर द्रविण के निर्देशन में होनी है। वे सोमवार को अयोध्या पहुंचे। राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र व ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने गणेश्वर द्रविड़ और अन्य आचार्यों के साथ बैठक की।
परिसर में ही निकाली जाएगी शोभायात्रा
दरअसल, चर्चा में यह बात सामने आई कि जब रामलला को नगर भ्रमण कराया जाएगा तो उनके दर्शन के लिए श्रद्धालु व भक्त उमड़ पडेंगे। ऐसे में भीड़ नियंत्रण में प्रशासन को मुश्किल होगी। इस पर आचार्यों से राय मांगी गई तो उन्होनें जन्मभूमि परिसर का ही भ्रमण कराने का सुझाव दिया। इसे ट्रस्ट ने स्वीकार कर लिया। अब 17 जनवरी को रामलला की अतल मूर्ति राम जन्मभूमि परिसर पहुंचेगी। परिसर में ही शोभायात्रा निकालने की रस्म पूरी की जाएगी। बैठक के बाद गणेश्वर द्रविड़ ने प्राण प्रतिष्ठा के लिए बन रहे यत्र मंडप व हवन कुंड का भी निरीक्षण किया। प्राण प्रतिष्ठा के लिए दो यज्ञ मंडप व नौ हवन कुंड बनाने का काम सोमवार को देर रात तक पूरा हो गया है।
347 पुलिसकर्मी पहुंचे, 10 दिन में आएंगे 5300 जवान
प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के क्रम में सोमवार को पहले चरण में 347 पुलिसकर्मी अयोध्या पहुंच गए। इनमें दो उपाधीक्षक, 14 क्षेत्राधिकारी, 27 निरीक्षक, 54 उपनिरीक्षक व 250 मुख्य आरक्षी व आऱक्षी शामिल हैं। अभी दो अन्य चरणों में जवान अयोध्या पहुंचेंगे। इन्हें ठहरने से लेकर अन्य सभी व्यवस्थाओं में पुलिस प्रशासन जुटा है।
रामनगरी के विभिन्न इलाकों में छानबीन शुरु
सात बड़ी सुरक्षा एजेंसियां रामनगरी के विभिन्न इलाकों में छानबीन में जुटी हैं। इसके अलावा जिले की सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ाई गई है। आने-जाने वाले वाहनों की सघन तलाशी करने ही प्रवेश दिया जा रहा है। जिले के विभिन्न इलाकों में बने होटल, लॉज व धर्मशालाओं में भी टीमें छानबीन कर रही हैं। यहां ठहरे व बुकिंग कराए लोगों का भी सत्यापन कराया जा रहा है। पीएम व अन्य वीवीआईपी की फ्लीट के रुट पर भी पुलिस टीमें जांच- पड़ताल कर रही हैं।