देश की तेल कंपनियों का मुनाफा मार्च से लेकर अब तक पेट्रोल पर प्रति लीटर 15 रुपये बढ़ गया है। डीजल पर 12 रुपये बढ़ा है। इस दौरान कच्चा तेल 84 डॉलर प्रति बैरल से घटकर शुक्रवार को 72 डॉलर से नीचे आ गया। इस आधार पर लोगों को तीन रुपये प्रति लीटर का फायदा मिल सकता है। बावजूद इसके ग्राहकों को कोई भी राहत नहीं मिली है।
ग्राहकों को नहीं मिल रहा फायदा
कच्चा तेल शुक्रवार को 71.31 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। लगातार कीमतें घटने से सरकार चालू वित्त वर्ष में आयात बिल के रुप में 60,000 करोड़ रुपये बचा सकती है। लेकिन ग्राहकों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है।
घरेलू कंपनियों के मुनाफे में हो सकती है बढ़ोतरी
इन्वेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन एंड क्रेडिट एजेंसी यानी इक्रा की रिपोर्ट कहती है कि मार्च से अब तक कच्चे तेल की कीमत 12 फीसदी घट गई है। कई रिपोर्ट का मानना है कि सऊदी अरब उत्पादन बढ़ाने को कच्चे तेल के लिए 100 डॉलर प्रति बैरल के अपने मूल्य लक्ष्य को छोड़ने की तैयारी कर रहा है। इससे आने वाले समय में कीमतों में और गिरावट की आशंका है। जिससे घरेलू कंपनियों के मुनाफे में और बढ़ोतरी हो सकती है।
13,000 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत
बता दें कि कच्चे तेल की कीमतों में हर एक डॉलर प्रति बैरल की गिरावट से भारत के आयात बिल पर लगभग 13,000 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत होती है। 2024 के आर्थिक सर्वेक्षण में इस वित्त वर्ष में कच्चे तेल की औसत कीमत 84 डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि अब यह 70 से 75 डॉलर प्रति बैरल के बीच में है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कीमरें इस दायरे में स्थिर हो गई, तो भारत इस वित्त वर्ष के शेष समय में कच्चे तेल के आयात पर पर्याप्त बचत करेगा। इससे महंगाई भी घटेगी। साथ ही ज्यादा निवेश भी हो सकेगा।
तीन प्रमुख तेल कंपनियों को फायदा
तीन प्रमुख तेल कंपनियां भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल ने वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 81,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। इसमें इंडियन ऑयल का मुनाफा 39,619 करोड़ रुपये रहा है। भारत पेट्रोलियम का 26,673 करोड़ रुपये रहा है। हिंदुस्तान पेट्रेलियम ने 14,694 करोड़ रुपये कमाए हैं।