उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में भू धसाव के बाद 40 श्रमिकों के टनल में फंस जाने के चार दिन बाद प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आ गई है। इस रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
सिलक्यारा टनल में भू-धंसाव की प्रारंभिक रिपोर्ट आई सामने
उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में भू-धंसाव के बाद 40 श्रमिकों के टनल में फंस जाने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जिसके बाद प्रदेश सरकार के द्वारा विशेषज्ञों की जो टीम गठित की गई थी उसकी प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आ गई है। इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
सरकार द्वारा उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक डॉक्टर शांतनु सरकार के नेतृत्व में टीम बनाई गई थी। जिसमें वाडिया हिमालय भूवैज्ञानिक संस्था, आईआईटी रुड़की, सीबीआरआई रुड़की, जीएआई देहरादून, भूतत्व एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की विशेषज्ञ शामिल हैं। जिनके द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर आपदा सचिव को सौंप दी गई है।
कमजोर पहाड़ी पर बनाई जा रही थी टनल
बताया जा रहा है कि विशेषज्ञों के द्वारा जो प्रारम्भिक रिपोर्ट तैयार की गई है, उसमें जिस चट्टान के नीचे सुरंग बनाई जा रही थी उसे कमजोर पाया गया है। टीम के द्वारा सुरंग में भूस्खलन स्थल का जायजा लिया गया। हालांकि वो क्षेत्र मलबे से पूरी तरह ढका हुआ था। लिहाजा गहनता के साथ परीक्षण नहीं किया जा सका है लेकिन जिस पहाड़ी के हिस्से से सुरंग के भीतर भूस्खलन हुआ है उसके ऊपरी भाग का परीक्षण भी किया गया है।
विशेषज्ञों की टीम फिर से दोबारा कर सकती है दौरा
विशेषज्ञों की मानें तो भूस्खलन वाले स्थल और पहाड़ी के ऊपरी भाग के बीच करीब 70 मीटर का फैसला है। ऊपरी भाग पर भूस्खलन की किसी तरह के के निशान नहीं पाए गए हैं। पहाड़ी का ऊपरी भाग पूरी तरह स्थिर पाया गया है। जिसका आशय ये है की पहाड़ी के बीच के भाग में ही कुछ ऐसी स्थिति पैदा हुई है जिससे निचले भाग को अस्थिर कर दिया। विस्तृत अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की टीम फिर से दोबारा दौरा कर सकती है।
रिपोर्ट के विस्तृत अध्ययन के बाद पता चलेगी असली वजह
बताया जा रहा है कि कमजोर पहाड़ी पर टनल बनाई जा रही थी। जिस चट्टान पर टनल बनाई जा रही है उसकी चट्टानें कमजोर है। इन चट्टानों पर मौसम का असर तेजी से होता है। इस तरह की स्थिति में सुरंग जैसे निर्माण कार्यों को शुरू करने से पहले पुख्ता परीक्षण की जरूरत होती है। हालांकि आपदा सचिव रणजीत सिंह का कहना है कि रिपोर्ट का विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है और उसके बाद ही यह पता चल पाएगा कि आखिरकार भू-धंसाव कि वजह क्या है।
रेस्क्यू और बचाव कार्य पहली प्राथमिकता – सीएम धामी
प्रारंभिक रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि फिलहाल अभी रेस्क्यू और बचाव कार्य पहली प्राथमिकता है। वहीं निर्माण कार्य कंपनी को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि इस घटना में कंपनी की लापरवाही है।