जब भी हम किसी मंदिर में जाते हैं तो वहां अपनी श्रद्धा से दान-दक्षिणा जरूर चढ़ाते हैं। लेकिन क्या आपने ऐसे किसी मंदिर के बारे में सुना है जहां पर दान देना सख्त मना है। जी हां उत्तराखंड में एक ऐसा मंदिर है जहां दान देना सख्त मना है। यहां पर किसी का भी दान स्वीकार नहीं किया जाता है।
ऐसा मंदिर जहां दान देना है सख्त मना
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर अपनी अनोखी परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। ये मंदिर उन पवित्र स्थलों में से एक है, जहां भगवद् गीता के नवें अध्याय का पूरी तरह पालन किया जाता है। प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर में दान देना बिल्कुल मना है।
प्रकाशेश्वर मंदिर में स्थापित है स्फटिक शिवलिंग
भगवद् गीता में लिखा है कि अगर कोई भक्त सच्ची श्रद्धा और शुद्ध मन से पत्र, पुष्प, फल, तोय, जल में से कुछ भी भगवान को अर्पित करता है, तो भगवान उसे न केवल स्वीकार करते हैं, बल्कि उसका भोग भी लगाते हैं। शिव महापुराण में भी कहा गया है कि भगवान शंकर को धतूरे के फूल, हरसिंगार और नागकेसर के सफेद पुष्प काफी पसंद हैं। वो धन, ऐश्वर्य, और छप्पन भोग के नहीं, बल्कि भक्तों के भाव के भूखे हैं।
इन सभी बातों का एक उदाहरण देहरादून में स्थित प्रकाशेश्वर मंदिर है। इस मंदिर की दिव्यता और पवित्रता इतनी खास है कि यहाँ की हर दीवार, हर कण भगवान शिव के भक्तों की भक्ति की गवाही देता है। प्रकाशेश्वर महादेव में एक खास तरह का शिवलिंग है जो स्फटिक से बना हुआ है। स्फटिक एक तरह का बर्फ का पत्थर होता है। जो लाखों साल बर्फ में दबे होने के बाद बनता है। प्रकृति द्वारा बनाए गए इस अद्भुत शिवलिंग के सामने, भक्तगण अपने श्रद्धा के पुष्प अर्पित करते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं।
मंदिर में सावन में उमड़ता है भक्तों का सैलाब
महाशिवरात्रि और सावन के दिनों में यहां आस्था का सैलाब उमड़ पड़ता है। इन पावन दिनों पर यहां खास पूजाएं की जाती हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान शिव की असीम भक्ति में लीन हो जाती है। प्रकाशेश्वर मंदिर की दिव्यता और पवित्रता का आलम ये है कि यहाँ की हर एक शिला, हर एक वृक्ष भगवान शिव की उपासना से गूंज उठता है।
भक्तों की अटूट श्रद्धा का प्रतीक है मंदिर
प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर में स्थित स्फटिक का शिवलिंग ऐसा लगता है मानों बर्फ की शीतलता और भक्ति की अग्नि का अनूठा संगम हो। इस मंदिर का हर कोना भगवान शिव की महिमा और भक्तों की अटूट श्रद्धा का प्रतीक है।
इस मंदिर का वातावरण ऐसा है कि यहाँ आने वाले हर व्यक्ति को भक्ति और आस्था की सच्ची परिभाषा समझ में आ जाती है। उत्तराखंड के प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर का अस्तित्व हर उस परंपरा को चुनौती देता है, जो दान को आस्था का मापदंड मानती है।