तो अब क्या दीप पर होगा जीत का दारोमदार ?
दीप का साथ मिला तो कांग्रेस जीत सकती है ऋषिकेश सीट
कौन होगा दीप की पसंद, किशोर उपाध्याय या राजपाल खरोला या फिर कोई और
ऋषिकेश, संवाददाता- भारत निर्वाचन आयोग ने पिछले विधानसभा चुनाव के जिन 58 उम्मीदवारों पर चुनावी खर्च का ब्योरा न देने पर तीन साल चुनाव न लड़ने का प्रतिबंध लगाया है उनमें ऋषिकेश नगर पालिका के मौजूदा चेयरमैन दीप शर्मा भी हैं। आयोग के प्रतिबंध मे मुताबिक दीप शर्मा समेत सभी बैन उम्मीदवार तीन साल तक न तो लोकसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी ठोक सकते हैं न विधानसभा चुनावों में अपनी दावेदारी कर सकते हैं। ऐसे में ऋषिकेश विधानसभा पर सरसरी निगाह डाली जाए तो अबकी बार दीप की रोशनी कांग्रेस की राह के अंधियारे को मिटा सकती है।
दरअसल दीप शर्मा ऋषिकेश सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता तो हैं ही प्रबल दावेदार भी हैं। लगातार तीन बार से दीप ऋषिकेश पालिका के अध्यक्ष निर्वाचित हो रहे हैं। जबकि साल 2007 से दीप शर्मा कांग्रेस से ऋषिकेश सीट पर टिकट की दावेदारी कर रहें हैं लेकिन ऐन वक्त पर उनका टिकट कट जाता है। नतीजतन दीप के समर्थक उन्हें बगावत करने पर मजबूर कर देते हैं। जिसके चलते कांग्रेस की नैया ऋषिकेश सीट पर डूब जाती है। 2012 के चुनाव की बात करें तो अगर कांग्रेस मौजूदा नगर पालिका अध्पक्ष दीप शर्मा को मना लेती तो ऋषिकेश सीट कांग्रेस की झोली में होती।
माना जा रहा है कि अगर दीप शर्मा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष अपना पक्ष नहीं रखेंगे तो कांग्रेस को ऋषिकेश सीट पर बड़ी राहत मिलेगी,क्योंकि इस बार फिर दीप के सामने बगावत का रास्ता नहीं होगा । ऐसे मे दीप शर्मा चुनाव में कांग्रेस के सच्चे सिपाही की तरह अपना फर्ज अदा करते हुए पार्टी उम्मीदवार की जीत का ताना-बाना बुनेंगे। माना जा रहा है कि अब कांग्रेस दीप शर्मा को ऋषिकेश सीट पर बड़ी चुनावी जिम्मेदारी भी दे सकती है। ताकि पार्टी की जीत की राह आसान हो सके। यानि सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो दीप कांग्रेस के लिए कांटे नही जीत के साथी साबित होंगे
हालांकि अभी दीप के रूख के बारे में साफ नहीं हुआ है कि वे क्या करेंगे। दरअसल अभी दीप शर्मा के पास अपील का विकल्प खुला है। वे भारत निर्वाचन आयोग के सामने 2012 के चुनावी खर्च के साक्ष्यों के साथ अपना पक्ष भी रख सकते हैं और कांग्रेस पर रहम भी कर सकते हैं।