मानसून का सीजन आते ही केदारनाथ जाने वाले यात्रियों के लिए व्यवस्था बदली गई है। अब केदारनाथ यात्रा पर हर दिन पांच से छह हजार यात्री ही सोनप्रयाग से धाम तक भेजे जाएंगे।
बरसात के लिए बदलेगी केदारनाथ जाने की व्यवस्था
चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों में उत्साह चरम पर है। दिन पर दिन ज्यादा संख्या में यात्री देवभूमि पहुंच रहे हैं। चारधाम यात्रा में सबसे ज्यादा यात्री केदारनाथ धाम में पहुंच रहे हैं। अब तक छह लाख से भी ज्यादा यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए हैं। लेकिन बरसात के लिए केदारनाथ यात्रा पर जाने के लिए व्यवस्था में बदलाव किया गया है।
बरसात के दोरान केदारनाथ यात्रा निर्विघ्न सुरक्षित रूप से संचालित हो इस लिए सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक पब्लिक एड्रस सिस्टम विकसित किया जाएगा। यात्रियों को पैदल यात्रा मार्ग के पड़ावों पर लाउडस्पीकर के जरिए रास्ते के बारे में जानकारी दी जाएगी।
एक दिन में पांच से छह हजार यात्री ही भेजे जाएंगे केदारनाथ
बरसात के दौरान केदारनाथ यात्रा सुरक्षित रूप से सुचारू हो इसके लिए व्यवस्था में बदलाव करते हुए एक दिन में पांच से छह हजार यात्री ही केदारनाथ धाम में भेजे जाने का फैसला लिया गया है।
यात्रा मार्ग पर गौरीकुंड से लेकर छौड़ी, चीरबासा, जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली, छानी कैंप के बीच बरसात में पहाड़ी से पत्थर गिरने का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही रामबाड़ा से छानी कैंप तक एवलांच जोन है। जिस कारण यात्रा मार्ग खतरनाक साबित हो सकता है।
जिसके चलते ये फैसला लिया गया है। इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर सभी चिह्नित स्थानों पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, यात्रा मैनेजमेंट फोर्स और पुलिस के जवानों को तैनात किया जाएगा।
मार्गों पर तैनात रहेंगी मशीनें
मानसून के दौरान मार्गों पर मशीनें तैनात की जाएंगी। ऋषिकेश-बदरीनाथ व रुद्रप्रयाग गौरीकुंड राजमार्ग पर सिरोहबगड़, भटवाड़ीसैंण, बासंवाड़ा, सेमी-भैंसारी, नरकोटा, नारायणकोटी, खाट गांव, चंडिका धार में मशीनें तैनात रहेंगी। इसके साथ ही हाईवे से जुड़े संपर्क मोटर मार्गों पर भी हर दस किमी के दायरे में मशीन रखी जाएगी। ताकि आने वाली किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।