NCERT Science Syllabus Changed: NCERT ने एक बड़ा फैसला लिया है। स्कूल के साइंस सिलेबस में बड़ा बदलाब किया गया है। क्लास 6 से 8 तक के साइंस सिलेबस में एनसीईआरटी ने आयुर्वेद से जुड़े चैप्टर्स शामिल कर दिए हैं। ये कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के मूल विचार पर आधारित है।
स्कूली छात्रों को स्वास्थ्य, पोषण और पर्यावरण संतुलन के बारे में भारतीय द्दष्टिकोण से समझाया जाएगा। NCERT के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी का कहना है कि इसका लक्ष्य छात्रों को ना सिर्फ वैज्ञानिक ज्ञान देना है बल्कि बल्कि शारीरिक और मानसिक कल्याण के सिद्धांतों से भी रुबरू करवाना है।
NCERT Science Syllabus Changed: अब क्लास 6 और आठ के बच्चों को पढ़ाया जाएगा आयुर्वेद
एनसीईआरटी क्लास 6 साइंस की बुक में आयुर्वेद के 20 गुण जैसे मूलभूत सिद्धांत को जोड़ा गया है। तो वहीं क्लास आठ के चैप्टर में दिनचर्या (Daily Routine) और ऋतुचर्या (Seasonal Discipline) जैसे विषयों को जोड़ा गया है। बताते चलें कि ये बदलाव किताबों तक सीमित नहीं है। ये बदलाब विद्याथियों को भारत की वैज्ञानिक विरासत की तरफ प्रेरित करने को लेकर शुरुआती कदम भी है। स्कूल के बाद अब आयुर्वेद को उच्च शिक्षा में भी शामिल करने के बारे में सोचा जा रहा है।
एनसीईआरटी स्कूल सिलेबस में क्या बदलाव होगा?
NCERT की नई साइंस किताबों में अब आयुर्वेद के वैज्ञानिक सिद्धांत भी शामिल किए गए हैं। ताकि बच्चे सेहत और शरीर को बेहतर तरीके से समझ सकें।
क्लास 6 की किताब: छात्र “Classification of Matter” यानी पदार्थों के वर्गीकरण के साथ-साथ आयुर्वेद के 20 विरोधी गुणों (जैसे गरम–ठंडा, हल्का–भारी, सूखा–गीला आदि) के बारे में जानेंगे। इससे बच्चों को यह समझने में मदद मिलेगी कि शरीर और चीज़ें कैसे एक-दूसरे पर असर डालती हैं और स्वस्थ रहने के लिए संतुलन क्यों ज़रूरी है।
क्लास 8 की साइंस किताब: “आयुर्वेद: शरीर, मन और पर्यावरण का संतुलन” नाम से एक नया चैप्टर जोड़ा गया है। इसमें बच्चों को बताया जाएगा कि अच्छी सेहत के लिए दिनचर्या (दैनिक आदतें), ऋतुचर्या (मौसम के अनुसार खानपान) और संतुलित जीवनशैली कितनी ज़रूरी होती है।


 


