उत्तराखंड के कई सौ प्राइमरी स्कूल जर्जर हालत में हादसों को न्यौता देते नजर आ रहे है पर सरकार की उदासीनता के चलते इन स्कूलों का हाल बद से बदतर बना हुआ है। पर इन जर्जर स्कूलों की तरफ सरकार बिल्कुल ध्यान नही दे रही है। वहीं इस ओर रोशनी दिखाने का काम रुड़की की 19 वर्षीय एक युवती मैना आनन्द ने किया है।
मैना की पहल को सलाम, जेएम ने किया उद्घाटन
आपको बता दें कि मैना आनंद की कहानी सभी स्कूलों और समाज सेवा करने वाले लोगो के लिए प्रेरणादायक है। रुड़की क्षेत्र के कई प्राइमरी स्कूलों की हालत जर्जर बनी हुई है जिसमें एक स्कूल नंबर 01 मकतुलपुरी में पड़ता है। विधानसभा चुनाव के दौरान अपना पहला वोट डालने के लिए मैना आनन्द स्कूल में पहुंची तो उसे स्कूल की हालत देखकर बहुत हैरत हुई। स्कूल की बिल्डिंग बिल्कुल जर्जर थी और दीवारों में पेड़ उग रहे थे। बच्चे टाट पर बैठ कर पढ़ाई कर रहे थे।मैना ने यह सब देखा तो वह हैरान रह गई और उसे बहुत अचंभा हुआ। बड़े स्कूलों में पली बढ़ी मैना को हैरत हुई कि लोग ऐसे भी स्कूलों में पढ़ रहे है जो कभी भी गिर सकता है और उसने तभी से अपने पिता से जिद की के ऐसे स्कूलों को पुननिर्माण करवाना बहुत ज़रूरी है। तब बेटी की जिद के आगे उसके पिता ने एक ट्रस्ट का गठन कर रुपया इकठ्ठा कर सरकार से मंजूरी लेकर इस स्कूल की बिल्डिंग को दोबारा से बनवाने का काम किया जिसका उदघाटन रुड़की की जॉइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल से आज कराया गय। स्कूल में नई बिल्डिंग के साथ आधुनिक फर्नीचर,पँखे और पानी की व्यवस्था भी कराई गई है।
रुड़की के दो सांसद और नगर के मेयर भी इसी स्कूल से पढ़े
वहीं अगर बात करें तो सरकार के मुँह पर ट्रस्ट की तरफ से एक तमाचा मारा गया है. साथ ही रुड़की के दो सांसद और नगर के मेयर भी इसी स्कूल से पढ़ कर गए हैं लेकिन उन्होंने भी इस निर्माण में इस ट्रस्ट की कोई मदद नही की। आपस मे ही लोगो ने धन इकठ्ठा कर इस स्कूल की रंगत बदल डाली है। 1930 में बना यह स्कूल आज बदल चुका है पर अभी भी उत्तराखंड के कई सौ स्कूल इसी हालात में है।
अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या सरकार अब भी कुछ सुध लेगी या फिर ऐसी ही ट्रस्टों को आगे आना होगा।