उत्तराखंड की नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट अपने आप में मैदानी और पहाड़ी इलाकों को समेटे हुए हैं। इस सीट का इतिहास भी खास है। कई दिगग्ज नेता इस सीट से अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस सीट पर दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को हार सामना करना पड़ा था।
तीन पूर्व सीएम ने आजमाई इस सीट से किस्मत
नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट से तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। इनमें से दो को जहां कांग्रेस पार्टी ने तो एक को भाजपा ने मैदान में उतारा था। लेकिन दो दिग्गज नेताओं को इस सीट पर करारी हार का सामना करना पड़ा था।
बता दें कि कांग्रेस के टिकट पर उत्तराखंड के दिग्गज नेता एनडी तिवारी और हरीश रावत मैदान में उतरे थे। लेकिन दोनों को ही इस सीट पर हार मिली। भारतीय जनता पार्टी से इस सीट पर उत्तराखंड के दूसरे मुख्यमंत्री साल 2014 में मैदान में उतरे थे। जनता ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें जीत हासिल हुई थी।
ND तिवारी और हरदा को करना पड़ा था हार का सामना
साल 1991 में अविभाजित उत्तर प्रदेश में सीएम रहे एनडी तिवारी ने नैनीताल लोकसभा सीट से अपनी किस्मत आजमाई। जबकि उत्तराखंड में सीएम रहे हरीश रावत ने साल 2019 में इस सीट से चुनाव लड़ा था। दोनों ही कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता हैं। लेकिन साल 1991 में भी और साल 2019 में भी भारतीय जनता ने इस सीट से बाजी मारी और दोनों दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा।
इस सीट पर भौगोलिक परिस्थितियां हैं थोड़ी हटके
जहां एक ओर पौड़ी और अल्मोड़ा लोकसभा सीट पूरी तरह पहाड़ी हैं और हरिद्वार लोकसभी सीट पूरी तरह से मैदानी तो वहीं नैनीताल और टिहरी लोकसभा सीट की भौगोलिक परिस्थितियां थोड़ी अलग है। यहां जहां एक ओर मैदानों पर सरपट दौड़ती ट्रेन आपको देखने को मिलेगी तो वहीं दूसरी ओर पैदल पहाड़ भी चढ़ने पड़ते हैं।
नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा सीट की बात करें तो यहां उम्मीदवार को प्रचार के लिए और वोट मांगने के लिए जहां अच्छी टू लेन, फोर लेन सड़कों से होकर गुजरना पड़ता है तो वहीं दूसरी ओऱ पर्वतीय क्षेत्रों पर पगडंडियों से गुजरकर पहाड़ भी चढ़ने पड़ते हैं।
साल 1991 का लोकसभा चुनाव रहा दिलचस्प
नैनीताल-उधम सिंह नगर सीट से सबसे दिलचस्प लोकसभा चुनाव साल 1991 का रहा। जब कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम एनडी तिवारी मैदान में उतरे थे। तो वहीं भाजपा से बलराज पासी को टिकट दिया था। 1991 में मुकाबला बेहद ही दिलचस्प रहा क्योंकि युवा बलराज पासी ने दिग्गज नेता और पूर्व सीएम एनडी तिवारी को भारी मतों से हराया।
2014 में कोश्यारी और 2017 में आजमाई हरदा ने किस्मत
साल 2014 में उत्तराखंड के पूर्व सीएम रहे भगत सिंह कोश्यारी को भारतीय जनता पार्टी ने नैनीताल लोकसभी सीट से मैदान में उतारा। जबकि कांग्रेस ने केसी सिंह बाबा को चुनावी चेहरा बनाया। अपने अनोखे अंदाज के लिए हमेशा चर्चाओं में रहने वाले भगत सिंह कोश्यारी ने कांग्रेस के केसी सिंह बाबा को हरा दिया।
साल 2017 में पूर्व सीएम हरीश रावत ने इस सीट से अपनी किस्मत आजमाई। उनके सामने बीजेपी ने अजय भट्ट को मैदान में उतारा। लेकिन हरदा को हार का सामना करना पड़ा। अजय भट्ट ने हरदा को तीन लाख से भी ज्यादा वोटों से हरदा को करारी शिकस्त दी। इस बार बीजेपी ने एक बार फिर से अजय भट्ट को ही टिकट दिया है। लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार के नाम की अब तक घोषणा नहीं हुई है।