डॉक्टर को हम भगवान की संज्ञा देते हैं क्योंकि भगवान ही धरती पर लाने वाला है और उसके बाद अगर किसी इंसान की जिंदगी की बागडोर होती है तो वो डॉक्टर के हाथ…डॉक्टर किसी की भी जिंदगी बचा सकते हैं…किसी दुर्घटना में अगर सही समय पर घायल को अस्पताल पहुंचाया जाए तो डॉक्टर ही हैं जो उसको जीवन दान दे सकते हैं. और कभी-कभी तो ऐसे चमत्कार हुए हैं कि खुद डॉक्टरों को भी यकीन करने में अचंभा हुआ.
ऐसा ही कुछ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में. जहां डॉक्टरों ने तीन घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद 2 फीट लम्बा और ढाई इंच मोटा सरिया युवक के सीने से निकाला औऱ युवक को नया जीवन दान दिया.
दरअसल मछलीशहर में कुछ दिनों पहले हुई एक दुघर्टना में भोपाल निवासी 20 वर्षीय पिकअप चालक युवक की गाड़ी ट्रक से टकरा गई थी औऱ इस हादसे में चालक के सीने में सरिया धंस गया था जो की सीने से चीरता हुआ आर पार हो गया था जो की चुनाव प्रचार के सिलसिले में वह उत्तरप्रदेश आया था. इस हादसे से उसके दाएं फेंफड़े में गंभीर चोट आईं थीं। दाईं तरफ छाती में हवा भर गई थी। रक्त-स्त्राव होने से उसके मस्तिष्क में भी गहरी चोट आई थी। लग रहा था कि वो नहीं बच पाएगा.
वहीं इसके बाद कार्डियो थोरेसिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सिद्धार्थ लखोटिया नेतृत्व में एक टीम ने उसका ऑपरेशन किया। दुर्घटना के बाद मछली शहर की पुलिस ने सावधानी बरती और उसे चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करवाई। जब यह मरीज ट्राॅमा सेंटर में आया, तब यह बेहोश था। हालत नाजुक बनी हुई थी। ऐसी गंभीर स्थिति में ऑपरेशन कर राॅड को निकालना और ईश्वर से प्रार्थना ही एकमात्र सहारा नजर आ रहा था।
डॉक्टर की थम गई थी सांसे, आखिर दी जिंदगी
वहीं डॉक्टरों की भी सांसे थमी हुई थी लेकिन 3 घंटे चले इस ऑपरेशन के बाद युवक को बचाया जा सका। मरीज अब सीटीवीएस आईसीयू में है। कुछ दिनों के बाद उसे छुट्टी दे दी जाएगी। चिकित्सकों की मानें तो इस तरह की चोट के बाद ज्यादातर लोगों की मौत दुर्घटनास्थल पर ही हो जाती है। छाती में इस तरह की चोट की सर्जरी की सुविधा सिर्फ पूर्वांचल बीएचयू अस्पताल में ही उपलब्ध है।