देहरादून- सूबे के सभी अस्पतालों पर चाहे वह निजी हों या सरकारी, सभी पर पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का डंडा चल सकता है। दरअसल सूबे के वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने बोर्ड के सभी अधिकारियों को इस बारे में तलब किया है। मंत्री बोर्ड के अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि अस्पतालों से निकलने वाले जैविक कचरे का मानकों के मुताबिक निस्तारण होना चाहिए। ताकि स्वच्छ भारत अभियान को रफ्तार मिल सके।
वहीं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने जैविक कचरा निस्तारित करने वाली कंपनियों के बीच मामले को सुलटाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि दो कंपनियां यहां जैविक कचरा निस्तारण का काम कर रही हैं लेकिन दोनों के बीच तालमेल की कमी है जिससे काम प्रभावित हो रहा है।
ऐसे में उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को आदेश दिए हैं कि कंपनियों के बीच के विवाद को खत्म करें और अगर ऐसा संभव नही होता तो नए टेंडर निकाले जांए। बहरहाल देखना ये दिलचस्प होगा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मंत्री जी कि हिदायतों पर कितना अमल करता है।