देहरादून- सूबे के कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल की राज्य में बागवानी को लेकर एक गजब की ख्वाहिश है। उन्होंने अपनी इस हसरत का इजहार भी किया है। लिहाजा तय मानिए कि अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा और उत्तराखंड के उद्यान वैज्ञानिकों ने सुबोध उनियाल की सलाह पर अमल किया तो जल्द ही उत्तराखंड में आम की पैदावार बढ़ जाएगी।
इनमें मौसमी आम तो होंगे ही बेमौसमी आम भी हो सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा उन आम उत्पादक किसानों को होगा जिनकी रोजी रोटी आम के बाग से चलती है। जाहिर सी बात है कि अगर सर्दियों में आम पैदा हुए तो उनके दाम बेमौसमी होने के चलते ज्यादा होंगे और आम उत्पादक किसान की माली हालत मालामाल हो जाएगी।
सुबोध की माने तो राज्य के कई आम उत्पादक जिलों में क्षेत्रफल ज्यादा होने के बावजूद आम की पैदावार कम है। जिसे बढ़ाने की जरूरत है और सरकार इस पर फोकस भी करने वाली हैं। गौरतलब है कि, देहरादून में दो दिवस आम महोत्सव जारी है। जहां शुभारंभ के मौके पर उद्यान मंत्री ने बेमौसमी आम उत्पादन पर जोर देने की जरूरत भी बताई थी।
हालांकि हकीकत ये है कि कई आम उत्पादक मैदानी जिलों में फलों के मौसम में ही बागों पर आरियां चली हैं। ऐसे में जरूरत पहले मौजूदा बागों को बचाने की है जो भूमाफिया की नजरों में खटक रहे हैं।