- ग्राम्य विकास विभाग सांसद एवं विधायक निधि से कोई नया फण्ड अवमुक्त नही करेगा, साथ ही नए कामों के प्रस्ताव भी स्वीकृत नहीं होंगे।
- कोई भी महकमा 15 फरवरी, 2017 तक ऐसे विज्ञापन प्रसारित नहीं करेगा जिससे मतदाओं को किसी के पक्ष में प्रभावित किया जा सकता हो। बहुत जरूरी होने पर सिर्फ सूचनात्मक विज्ञापन ही प्रकाशित किए जा सकते हैं लेकिन इनमें किसी भी प्रकार की उपलब्धियों का प्रचार नहीं हो सकता है।
- निर्माणकारी महकमें नये शुरू किये जाने वाले कार्यों के टेंडर विज्ञापन 15 फरवरी तक जारी नहीं करेंगे। हालांकि निर्माणकारी संस्था अथवा ठेकेदारों द्वारा कार्य पूर्ण कर लिया गया हो तो उनको भुगतान किया जा सकता है।
- गृह विभाग को निर्देश दिया गया कि यदि पैरोल के किसी प्रकरण पर निर्णय लेना आवश्यक है तो उसे निर्वाचन कार्यालय को भी संदर्भित करेगा।
- ऊर्जा विभाग सहित अन्य विभागों के अधीन निगमों इत्यादि में प्रबन्ध निदेशक आदि पदों को भरने की कार्यवाही न की जाय। जबकि कोई प्रक्रिया चल रही हो तो उसका परिणाम निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न होन के बाद ही घोषित किया जाय।
- शिक्षा सहित सभी विभागों को निर्देश दिया गया कि वे छुट्टी पर गए मुलाजिमों की छुट्टी निरस्त करें और उन्हें मुख्यालय पर वापस बुलाने का निर्देश दें ताकि उनकी निर्वाचन ट्रेनिंग करायी जा सके।
- जबकि सभी विभागीय सचिवों को निर्देश दिये गए हैं कि विधानसभा द्वारा पारित हो चुके बजट से संबंधित फाईलें निर्वाचन कार्यालय को किसी पूर्वानुमति के लिये भेजने की जरूरत नहीं है। विभागीय अधिकारी इस संबंध में नियमानुसार स्वयं कार्यवाही कर सकते हैं। ।