विश्व प्रसिद्ध kainchi dham temple और neem karoli baba के बारे में तो आपने सुना ही होगा। बाबा नीम करौली के भक्तों में एप्पल के मालिक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्क और हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स का नाम भी शामिल हैं। कहा जाता है कि यहां आने के बाद स्टीव जॉब्स से लेकर मार्क जुकरबर्क की जिदंगी ही बदल गई।
1964 में हुई थी विश्व प्रसिद्ध kainchi dham ashram की स्थापना
Kanchi dham uttarakhand के नैनीताल जिले में स्थित है। यहां हर साल लाखों की संख्या में भक्त दर्शनों के लिए आते हैं। यहां देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी मशहूर हस्तियां अपना मत्था टेकने आती हैं।
kainchi dham ashram की स्थापना साल 1964 में neem karoli baba ने की थी। नीम करोली महाराज का आश्रम कैंची धाम सुंदर पहाड़ियों के बीच शिप्रा नदी के किनारे स्थित है।
साल 1961 में neem karoli baba uttarakhand नैनीताल पहुंचे। जब वो कैंची नामक स्थान पर पहुंचे तो उन्हें ये जगह बहुत पसंद आयी। जिसके बाद उन्होंने यहां पर आश्रम बनाने के बारे में विचार किया। जिसके बाद वो अपने मित्र पूर्णनंद के साथ यहां आश्रम बनाने पर विचार किया। जिसके बाद 15 जून 1964 में कैंची धाम की स्थापना की गई।
15 जून को मनाया जाता है kainchi dham ashram का स्थापना दिवस
15 जून को kainchi dham ashram की स्थापना होने के कारण हर साल यहां पर 15 जून को स्थापना दिवस के अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है।
Neem karoli baba ने यहां पर जंगलों को साफ करके हनुमान मंदिर की स्थापना की। जिसके ठीक बगल में बाबा ने आश्रम का निर्माण करवाया। हर साल 15 जून को लगने वाले मेले में लाखों की संख्या में यहां श्रद्धालु शिरकत करते हैं।
कौन थे Neem karoli baba
Neem karoli baba 20वीं सदी के महान संतों में से एक माने जाते हैं। बाबा को हनुमान भगवान का अवतार माना जाता है। नीम करौली बाबा का साधु बनने से पहले नाम लक्ष्मी नारायण था।
कहा जाता है कि उन्होंने किशोरावस्था में ही सन्यास ले लिया था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के एक छोटे से गांव अकबरपुर में हुआ था। उनके पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था। बाबा को मात्र सत्रह साल की उम्र में ही ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी।
ऐसे पड़ा बाबा का नाम Neem karoli baba
बाबा का नाम नीम करौली पड़ने के पीछे भी एक कहानी है। कहा जाता है कि एक बार बाबा लक्ष्मण दास फर्स्ट क्लास कम्पार्टमेंट ट्रेन में बिना टिकट के सफर कर रहे थे। इसी बीच टीसी वहां आया। उसने टिकट चेक किया तो बाबा के पास टिकट नहीं था। जिसके बाद टीसी ने उन्हें अगले स्टेशन नीम करोली में उतार दिया।
बाबा को ट्रेन से उतारने के बाद बाबा वहीं पर अपना चिमटा धरती में गड़ाकर बैठ गए। जिसके बाद रेल के ऑफिसर्स ने रेल को चलाने के लिए कहा और गार्ड ने हरी झंडी दिखा दी। लेकिन काफी कोशिश करने के बाद भी ट्रेन आगे नहीं चल पाई।
एक लोकल मजिस्ट्रेट बाबा को जानता था। उसने रेल ऑफिशियल से कहा की बाबा से माफी मांग उन्हे अंदर बैठा लो। पहले तो उसने इंकार किया। लेकिन कोई और विकल्प ना होने के कारण उन्होंने ये बात मान ली। जैसे ही सम्मानपूर्वक बाबा को अंदर बिठाया गया तो ट्रेन चल पड़ी। ये पूरी घटना नीम करौली नामक स्थान पर हुई थी। तभी से बाबा का नाम नीम करोली बाबा पड़ गया।
चमत्कारों से सबको कर दिया था हैरान
बाबा जब नैनीताल पहुंचे तो उन्होंने अपने चमत्कारों से सबको हैरान कर दिया। आज भी अगर आप कैंची धाम जाते हैं तो वहां बाब के हैरान करने वाले चमत्करों के बारे सुनेंगे। जिसके कारण बाबा विश्व प्रसिद्ध हो गए। बाबा के चमत्कारों के बारे में एक किताब भी लिखी गई है। बाबा के चमत्कारों पर ‘मिरेकल ऑफ लव’ नाम की किताब लिखी गई है। जिसमें बाबा के सभी चमत्कारों के बारे में बताया गया है।
कहते हैं एक बार kainchi dham ashram में भंडारे का आयोजन किया जा रहा था। भंडारे के दौरान प्रसाद बनाने के लिए घी खत्म हो गया। इस बात से आयोजक परेशान हो गए।लेकिन जब ये बात बाबा तक पहुंची तो उन्होंने एक भक्त को शिप्रा नदी से पानी लाने को कहा। भक्त को बात अटपटी लगी फिर भी वो नदीं से एक कनस्तर पानी भर लाया।
जिसके बाद बाबा ने उस पानी को प्रसाद की कढ़ाई में डाल दिया। देखते ही देखते वो पानी घी में बदल गया और उसी से पूरा प्रसाद बनाया गया। ये देख वहां उपस्थित सभी भक्तजन बाबा के चरणों में नतमस्तक हो गए।
इसके साथ ही कहा जाता है कि एक बार बाबा का एक भक्त ज्येठ की तपती गर्मी में चिलचिलाती धूप में पैदल चल कर जा रहा था। धूप तेज थी तो भक्त के पैर जल रहे थे। जब बाबा ने ये देखा तो उन्होंने उसे बादल की एक छतरी बनवाकर उसकी मंजिल तक पहुंचाया था।
ऐसे पहुंचे kainchi dham ashram
कैंची धाम आप बस, ट्रेन या हवाई मार्ग से भी पहुंच सकते हैं। nainital to kainchi dham distance 17 किमी है। यहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। यहां के लिए निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है।
पंतनगर हवाई अड्डे से आश्रम 70 किमी दूर है। यहां से आप बस या टैक्सी से कैंची धाम पहुंच सकते हैं। जबकि निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो कि कैंची धाम से 38 किमी दूर है। स्टेशन से आप कैंची धाम पहुँचने के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं।