उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट कल जारी हुआ। जिसमें एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। जिसके सुनकर हर कोई हैरान है। प्रदेशभर में हिंदी विषय में हजारों बच्चे फेल हो गए हैं। एक या दो हजार नहीं बल्कि नौ हजार से ज्यादा बच्चे हिंदी में फेल हो गए हैं।
हिंदी को लेकर सीरीयस नहीं बच्चे
हिंदी हमारी राजभाषा और आम बोलचाल की भाषा है। कोई बात जो हम किसी और भाषा में सटीक ना कह पाएं वो हम हिंदी में कह पाते हैं। लेकिन उत्तराखंड बोर्ड के रिजल्ट आने के बाद इसमें हजारों बच्चों के फेल होने से ऐसे लग रहा है कि अब हिंदी के प्रति बच्चों का लगाव और रूचि दोनों खत्म हो रही है। इसके साथ ही बच्चों अपनी आम बोलचाल की भाषा के प्रति सीरीयस नहीं है।
हिंदी में फेल हो गए हजारों विद्यार्थी
उत्तराखंड में हिंदी को हल्के में लेना हजारों बच्चों को भारी पड़ गया। उत्तरखंड में हाईस्कूल-इंटर में कुल 9699 बच्चे हिंदी विषय में फेल हो गए हैं। जिसमें से हाईस्कूल में 3263 छात्र और 1721 छात्राएं तो वहीं इंटर में 2923 छात्र और 1792 छात्राएं शामिल हो गए हैं।
33 प्रतिशत अंक भी नहीं ला पाए बच्चे
दी विषय में पास होना अनिवार्य है। अगर हिंदी में फेल हो तो छात्र को फेल ही माना जाएगा। हिंदी में पास होने के लिए 33 प्रतिशत अंक लाना जरूरी होता है। जिसमें कोई ग्रेस नहीं मिलता है। अगर कोई स्टूडेंट हिंदी में फेल हो गया और बाकी सभी विषयों में पास हो गया तो उसे फेल ही माना जाएगा।
हिंदी में कुल 9,699 बच्चे हो गए फेल
उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा में इस बार हाईस्कूल में हिंदी विषय में 1,26,192 छात्रों ने परीक्षा दी थी। जबकि इंटरमीडिएट में 123009 छात्रों ने परीक्षा दी थी। हाईस्कूल में 1,26,192 छात्रों में से 124208 छात्र पास हुए। जबकि 4984 छात्र फेल हो गए। वहीं इंटरमीडिएट में 123009 छात्रों में से 118294 पास हुए। लेकिन 4715 परीक्षार्थी फेल हो गए।