हिंडनबर्ग की हालिया रिसर्च रिपोर्ट में भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी की प्रमुख Madhabi Puri Buch और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, दंपति ने रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया है। दरअसल, शनिवार देर रात आई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कथित अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में दंपति की हिस्सेदारी थी।
रिपोर्ट में क्या आरोप लगाया?
10 अगस्त को जारी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि सेबी की वर्तमान प्रमुख माधबी बुच और उनके पति के पास अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि 18 महीने पहले अदाणी समूह पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी, लेकिन सेबी ने समूह पर कार्रवाई नहीं की।
रिपोर्ट के बाद दंपति की प्रतिक्रिया
वहीं हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद दंपति ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होनें कहा कि हमार खिलाफ 10 अगस्त 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कई आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों के संदर्भ में हम यह बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं। इनमें कोई भी सच्चाई नहीं है।
दंपति ने कहा हमारा जीवन और वित्तीय लेनदेन एक खुली किताब की तरह है। पिछले कुछ सालों में आवश्यक सभी खुलासे पहले ही सेबी को सौंप दिए गए हैं, हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।
एक विस्तृत बयान जारी करेंगे- माधवी बुच
वहीं माधवी और धवल ने कहा कि जांच के दौरान सेबी को ने दस्तावेज भी दिए गए हैं जो उस अवधि से संबंधित हैं, हम सेबी से नहीं जुड़े थे। इसके अलावा, पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हम उचित समय पर एक विस्तृत बयान भी जारी करेंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है, उसने चरित्र हनन का प्रयास करने का विकल्प चुना है।
क्या है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में?
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी के चेयरपर्सन की उन ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है जिनका इस्तेमाल अदाणी ग्रुप की कथित वित्तीय अनियमताओं में हुआ था। हिंडनबर्ग रिसर्च ने रिपोर्ट में हवाला देते हुए लिखा है कि माधबी बिच और उनके पति धवल बुच ने 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना खाता खोला। आईआईफएल के एक प्रिंसपल द्वारा हस्ताक्षरित फंड की घोषणा में कहा गया है कि निवेश का स्त्रोत सैलरी है और दंपति की कुल निवेश 10 मिलियन डॉलर आंका गया है।
Madhabi Puri Buch और अडानी समूह के बीच कोई संबंध
हिंडनबर्ग का आरोप है कि ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना इंडिया इंफोलाइन के माध्यम से अडानी के एक निदेशक ने की थी और यह टैक्स हेवन मॉरीशस मे रजिस्टर्ड है। हिंडनबर्ग ने ये भी कहा कि उसने इससे पहले यह नोटिस किया था कि नियामक द्वारा हस्तक्षेप के जोखिम के बाद भी अडानी समूह ने पूरे विश्वास के साथ अपने काम को जारी रखा था। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और अडानी समूह के बीच कोई संबंध है।
बता दें कि जनवरी 2023 में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने अरबपति गौतम अडानी द्वारा नियंत्रित अडानी ग्रुप को टारगेट करते हुए चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की थी। इसके बाद अडानी समूह के शेयरों में करीब $86 बिलियन की गिरावट आई थी। शेयक की कीमत में इस गिरावट ने बाद में समूह के विदेश में सूचीबद्ध बॉन्ड में भारी बिक्री दर्ज की गई थी। साथ ही सेबी ने भी हिंडनबर्ग को नोटिस जारी किया था।