देहरादून- बरसात शुरु होते ही उत्तराखंड को काफी नुकसान होता है. एक ओर जहां पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कें टूट जाती है, भूस्खलन से यातायात प्रभावित होता है तो वहीं मैदानी इलाकों में सड़कों पर पानी भर जाता है और उपर से बदहाल सड़कें…जिससे कई सड़क हादसे होते हैं.
सड़कों के गढ्ढे मौत को देते न्यौता
उत्तराखंड जैसे आपदा प्रभावित क्षेत्र में बरसात के कारण भूस्खलन, बाढ़ जैसे स्थिति पैदा हो जाती है जिसमें कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती है. लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते. सड़कों के गढ्ढे मौत को न्यौता देते हैं.
वहीं बीते दिने चमोली में बादल फटने से 5 लोगों की मौत हुई तो वहीं हरिद्वार में गाड़ियां जल मग्न हो गई औऱ यातायाट प्रभावित हुआ. वहीं उत्तरकाशी में सड़क बदहाली के कारण रोडवेज बस गरही खाई में जा गिरी जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई.
वहीं मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए 27 जुलाई तक भारी बारिश की आशंका जताई है औऱ साथ ही बादल फटने की भी चेतावनी जारी की है. ऐसे में लोगों को पहले से सतर्क और सुरक्षित रहने की जरुरत है.