यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले मास्टर मांइड हाकम की जमानत याचिका पर बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई की। इस मामले में हाईकोर्ट ने एसआईटी और राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
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हाकम की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई
यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले मास्टर मांइड हाकम की रावत की जमानत याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में वेकेशन जज न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने सुनवाई की। हाकम सिंह रावत ने इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में कहा कि एसआईटी के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं।
हाईकोर्ट ने SIT और राज्य सरकार से मांगा जवाब
हाकम सिंह रावत ने कोर्ट में कहा कि एसआईटी के पास उनके खिलाफ सबूत ना होने के कारण उन्हें निचली कोर्ट से एक मामले में जमानत मिल चुकी है। इसलिए उन्हें बाकी के मामलों में भी जमानत दे दी जाए। जिसके बाद वेकेशन जज न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने इस मामले में एसआईटी और राज्य सरकार से तीन हफ्तों में जवाब पेश करने को कहा है।
2016 में UKSSSC परीक्षा में VPDO का पेपर कराया था लीक
2016 में यूकेएसएसएससी ने प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर वीपीडीओ की परीक्षा का आयोजन किया था। इस परीक्षा में हाकम सिंह रावत ने अन्य आरोपियों ने मिलकर उत्तराखंड व यूपी के कई जिलों में इसका पेपर लीक करवाया था। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ एसआईटी ने देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया। जिसके बाद एसआईटी ने सबूतों के आधार पर हाकम सिंह को 14 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया तब से वह जेल में बंद था।
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2023 में निचली अदालत ने हाकम को दी थी जमानत
31 जनवरी 2023 को निचली अदालत ने एसआईटी की ओर से संबंधित मामले में सबूत पेश न करने पर हाकम सिंह को जमानत दे दी थी। जबकि हाकम सिंह रावत अन्य आरोपों में जमानत नहीं दी गई। जिसके बाद ये मामला नैनीताल हाईकोर्ट में आया।
हाकम सिंह रावत ने अपनी जमानत याचिका में कहा है कि एसआईटी निचली अदालत में अभी तक उनके खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं कर पाई है। एसआईटी के पास उनके खिलाफ कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। और न ही उसने अभी तक कोई ठोस साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं।
हाकम का कहना है कि उनके खिलाफ राजनीतिक दुर्भावना के चलते आरोप लगाए गए हैं। जबकि वे ग्राम प्रधान व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं। निचली अदालत इसी मामले में कई अन्य आरोपियों को जमानत दे चुकी है। इसलिए इसका लाभ उन्हें भी दिया जाए।