जी-20 सम्मेलन के लिए आए ज्यादातर विदेशी मेहमान अपने-अपने देश पहुंच चुके हैं। लेकिन कुछ मेहमान अभी उत्तराखंड की वादियों का लुत्फ उठा रहे हैं। इसी बीच शुक्रवार को कुछ डेलीगेट्स डेलिगेट्स स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन पहुंचे।
परमार्थ निकेतन पहुंचे G-20 डेलीगेट्स
उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों का लुत्फ जी-20 सम्मेलन के लिए आए कई मेंहमान अब भी उठा रहे हैं। इसी बीच शुक्रवार को जी-20 सम्मेलन के कुछ डेलीगेट्स स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने आध्यात्मिक गतिविधियों की जानकारी ली।
योगाचार्य गंगा नंदिनी त्रिपाठी ने डेलीगेट्स को दी जानकारी
आध्यात्मिक गतिविधियों की जानकारी डेलीगेट्स को योगाचार्य गंगा नंदिनी त्रिपाठी द्वारा दी गई। उन्होंने डेलीगेट्स को बताया कि परमार्थ निकेतन में विश्व शांति यज्ञ और गंगा आरती के माध्यम से वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण, ग्लोबल वार्मिग, क्लाइमेंट चेंज और अन्य समसामयिक समस्याओं पर चिंतन किया जाता है।
विश्व शांति यज्ञ और गंगा आरती के बारे में बताया
योगाचार्य गंगा नंदिनी त्रिपाठी ने विदेशी मेहमानों को बताया कि गंगा के साथ ही अन्य नदियों की आरती से तात्पर्य आस्था के साथ व्यवहार परिवर्तन करना और प्रकृति व पर्यावरण के अनुकूल जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति अद्भुत है। भारतीय समाज इस के आधार पर अपने आदर्शों और जीवन मूल्यों का निर्धारण करता है।
भारत की विविधता ही है उसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत
परमार्थ निकेतन में योगाचार्य गंगा नंदिनी त्रिपाठी ने विदेशी मेहमानों से बातचीत के दौरान कहा कि भारत की विविधता ही उसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। जीवन को व्यवस्थित करने के साथ ही आत्मिक सौंदर्य के दर्शन भीभारतीय संस्कृति कराती है।
परमार्थ निकेतन में इस दौरान नीदरलैंड से ब्रैम वान ओश, यूके से जोशुआ डक्सबरी, बेल्जियम से एलोनोरा फोर्नासारी, एना सैंटोस, स्पेन से मेलिसा मारिन आदि मौजूद रहे।