Dehradun : चार बहनें जिंदा जली, भाई ने कहा अगर धुआं नहीं होता तो मैं दीदी को बचा लेता, थोड़ी देर पहले खेल रहे थे साथ - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

चार बहनें जिंदा जली, भाई ने कहा अगर धुआं नहीं होता तो मैं दीदी को बचा लेता, थोड़ी देर पहले खेल रहे थे साथ

Sakshi Chhamalwan
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Tuni fire
Tuni fire

जाको राखे साईंया मार सके न कोई और कुछ ऐसा ही हुआ त्यूणी अग्निकांड में छोटे भाई नक्क्ष के साथ । भगवान ने त्यूणी अग्निकांड में नक्क्ष को तो बचा लिया लेकिन नक्क्ष अपनी दीदी को नहीं बचा पाया । उसने कहा कि अगर कमरे में अंधेरा नहीं होता तो वो अपनी दीदी को बचा लेता । महज कुछ ही देर पहले अपनी चारों बहनों के साथ खेल रहे नक्क्ष ने ये कभी नहीं सोचा होगा कि अपनी दीदी के साथ ये उसके आखिरी पल है । नक्क्ष ने पूरी घटना जब बताई तो हर आंख में आंसू आ गए और माहौल गमगीन हो गया ।

कमरे में अंधेरा नहीं होता तो बचा लेता दीदी को

त्यूणी अग्निकांड में चार बच्चियां जिन्दा जलकर राख हो गई और ये सब हुआ उस छोटे मासूम भाई नक्क्ष के सामने । नक्क्ष घटना का शिकार हुई दस वर्षीय सोनम का छोटा भाई था नक्क्ष ने रविवार को डीआईजी फायर निवेदिता कुकरेती को पूरा घटनाक्रम बताया। उसने कहा कि जिस समय मकान में आग लगी, वह अपनी बहन सोनम व मौसेरी बहन समृद्धि, अधिरा व सेजल के साथ मोबाइल से खेल रहा था। तभी आचानक आग लगने से सारे भाई बहन डर गए और मकान के अंदर चले गए लेकिन वह बाहर की ओर भागा और अपनी दीदी सोनम के बाहर नहीं आने पर वह उसे लेने अंदर गया लेकिन तब तक धुएं से घर में अंधेरा हो चुका था, इसलिए उसकी बहन उसे दिखाई नहीं दी। यह सुन सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए ।

बाथरूम में कपड़े धो रही थी सोनम की मां को नहीं हुआ आभास

डीआईजी ने पीड़ित परिवार के लिए संवेदना भी प्रकट की। वहीं अग्निकांड में दारमीगाड़ निवासी त्रिलोक की 9 वर्षीय बेटी सोनम की मौत हो गई थी। सोनम दिव्यांग थी। सोनम की मां पूनम ने डीआईजी को बताया कि घटना के दौरान वह बाथरूम में कपड़े धो रही थी। शोर सुनकर वह बाहर आई, तो उसने भीषण आग देखी।  उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि बेटी अंदर है। डीआईजी ने बताया कि जांच की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन और पुलिस महानिदेशक को भेजी जाएगी।

एक बेटी का शव नहीं मिलने से घायल मां परेशान

आग लगने की घटना में घायल हुई महिला कुसुम को हिमाचल के रोहडू स्थित अस्पताल से शिमला शिफ्ट कर दिया गया है। उसके परिजनों ने बताया कि आग से जलने के कारण उन्हें तत्काल अस्पताल लाया गया था, जहां तीन दिनों तक उपचार देने के बाद उन्हें शिमला रेफर किया गया है। हालांकि कुसुम की हालत खतरे से बाहर है लेकिन एक बेटी का शव नहीं मिलने के कारण वह बार-बार बेटी के बारे में परिजनों से पूछताछ कर रही है। 

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Sakshi Chhamalwan उत्तराखंड में डिजिटल मीडिया से जुड़ीं युवा पत्रकार हैं। साक्षी टीवी मीडिया का भी अनुभव रखती हैं। मौजूदा वक्त में साक्षी खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ जुड़ी हैं। साक्षी उत्तराखंड की राजनीतिक हलचल के साथ साथ, देश, दुनिया, और धर्म जैसी बीट पर काम करती हैं।