मातृसदन आश्रम ने जिलाधिकारी और शासन के दो अफसरों के खिलाफ वाद दायर कराया है। दरअसल हरिद्वार में गंगा में खनन को लेकर मातृसदन की ओर से हरिद्वार डीएम समेत तीनों अधिकारियों पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। वाद सीजेएम कोर्ट में दायर किया गया है।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले साल छह दिसंबर को मातृसदन के अनशन का संज्ञान लेते हुए गंगा में खनन व क्रशर को लेकर पर्यावरण सरंक्षण की धारा-पांच लागू की थी। इसके तहत गंगा में खनन पर पूर्ण पाबंदी के साथ ही क्रशरों को पांच किलोमीटर दूर हटाने के आदेश दिए गए थे। ऐसा न करने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जुर्माने और सजा की कार्रवाई का प्रावधान दिया गया था।
मातृसदन का आरोप है कि रोक के बावजूद शासन और प्रशासन के अधिकारियों ने गंगा में खनन खोल दिया। क्रशरों को भी गंगा से दूर नहीं हटाया। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए मातृसदन ने सीजेएम आशुतोष मिश्रा की अदालत में डीएम हरिद्वार दीपक रावत, तत्कालीन औद्योगिक सचिव शैलेष बगौली और वर्तमान औद्योगिक सचिव आनंदवर्द्धन के खिलाफ वाद दायर किया। मातृसदन के अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने बताया कि कोर्ट ने वाद का संज्ञान ले लिया है। तीनों अधिकारियों से जवाब तलब किया है।