देहरादून : बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में एसआईटी की टीम ने कार्रवाई करते हुुए देहरादून के तत्कालीन आधिकारी को गिरफ्तार किया है। बता दें कि एसआईटी ने साल 2012-13 में देहरादून के जिला समाज कल्याण अधिकारी राम अवतार सिंह को घोटाले में आरोपियों के साथ सांठगांठ करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। अब तक इस मामले में 51 मुकदमे हरिद्वार में दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि देहरादून में 32 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 26 मामलों में तत्कालीन सरकारी अधिकारी अधिकारियों के शामिल होने की आशंका जताई गई है और एसआईटी ने अवतार सिंह को गिरफ्तार किया है और जांच जारी है।
एसआईटी से मिली जानकारी के अनुसार समाज कल्याण विभाग देहरादून के तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी राम अवतार सिंह के मामले की जांच इंस्पेक्टर नदीम अतहर द्वारा की गई। जांच में पाया गया कि तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी राम अवतार सिंह द्वारा ओम संतोष प्राइवेट आईटीआई, जनता रोड सहारनपुर को वर्ष 2012-13 में दर्शाए गए अनुसूचित जाति व जनजाति के 40 छात्रों के मांग पत्र के क्रम में छात्रवृत्ति की धनराशि 14,52000 सीधे संस्थान के खाते में स्थानांतरित किए गए थे।
जबकि वर्ष 2013-14 में इस प्रकार के 30 छात्रों की छात्रवृत्ति 12,39000 छात्रों के बैंक खातों में डाली गई। जांच अधिकारी ने संबंधित बैंक से छात्रों के बैंक स्टेटमेंट प्राप्त किए तो बैंक ने तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी देहरादून राम अवतार सिंह द्वारा 31 मई 2014 को दिया गया एक पत्र उपलब्ध कराया। जिसमें राम अवतार सिंह ने छात्रवृत्ति की धनराशि संस्थान के बैंक खाते में डाले जाने के निर्देश दिए गए थे। इसी वजह से छात्रों की छात्रवृत्ति संस्थान के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई थी जब जांच अधिकारी ने राम अवतार सिंह को उनके हस्ताक्षर वाला यह पत्र दिखाया तो उन्होंने पत्र में अपने हस्ताक्षर होने से इनकार कर दिया।
जांच अधिकारी ने राम अवतार सिंह के हस्ताक्षर मिलान के लिए बैंक द्वारा उपलब्ध कराया गया पत्र और उसी तिथि को सिंह द्वारा हस्ताक्षरित किए गए विभाग के अन्य पत्र फॉरेंसिक जांच के लिए लैब भेजे। जहां से सभी पत्रों की हैंडराइटिंग एक ही व्यक्ति की होने की रिपोर्ट मिली। इस पर राम अवतार सिंह द्वारा छात्रवृत्ति की धनराशि संस्थान को सीधे भेजने में गड़बड़ की आशंका और प्रबल हो गई।