देहरादून : वर्तमान में जब कोविड-19 को लेकर आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं। आम जनता से लेकर व्यापारी, दुकानदार, उद्योगपति तक सबका टर्नओवर ठप है। विशेषज्ञों की मानी जाए तो उद्योगों और व्यापारियों को फिर से पटरी पर आने में लाॅकडाउन के बाद कम से कम 6 से 12 का समय लग सकता है।
सरकार की राहत
उद्योगों, व्यापारियों की इसी समस्या को देखते हुए जहां वित्त मंत्री निर्मना सीता रमण ने जनता के लिए आर्थिक पैकेज का एलान किया। वहीं, रिजर्व बैंक ने रैपो रेट में कटौती करके सरप्लस अमाउंट का फायदा बैंकों द्वारा उद्योगों, व्यापारियों और आम जनता को देने के निर्देश दिए, जिस पर लगभग सभी बड़े बैंकों द्वारा कोविड-19 स्कीम लाॅंच की गई हैं, जिसमें पर्सनल लोन से लेकर व्यापारियों और उद्योगों के लिए अतिरिक्त लिमिट और वर्किंग कैपिटल के लिए विशेष योजनाएं प्रस्तुत की गई हैं।
बैंक का दावा
वहीं, देश के एक प्रमुख बैंक पंजाब एंड सिंध बैंक की बात करें, तो पंजाब एंड सिंध बैंक ने अभी तक उत्तराखंड के ग्राहकों को कोई भी कोविड-19 स्कीम का फायदा या लाभ अभी तक नहीं दिया है। हैरानी की बात तो ये है कि उत्तराखंड परिक्षेत्र के जोनल मैनेजर मनोज सिंह को फोन करने पर उन्होंने पंजाब एंड सिंध बैंक द्वारा कोविड-19 से संबंधित किसी भी स्कीम की जानकारी तक से इंकार कर दिया। हमारे संवाददाता ने जब पंजाब एंड सिंध बैंक के ई.डी. डाॅ. फरीद अहमद से फोन पर बात की, तो उन्होंने बताया कि पंजाब एंड सिंध बैंक ने कोविड-19 लाभ योजना अपने ग्राहकों के लिए अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ही लाॅच कर दी थी, जिसका विविरण वित्त मंत्रालय भारत सरकार को भी भेजा गया था।
कौन सचा, कौन झूठा
ऐसे में सवाल यह उठता है कि पंजाब एंड सिंध बैंक में सच कौन बोल रहा है और झूठ कौन? क्या पंजाब एंड सिंध बैंक ने वास्तव में यह स्कीम ग्राहकों के लिए लाॅच की या महज कागजी खानापूर्ति के लिए ? और यदि वास्तव में बैंक अपने ग्राहकों के लिए चिंतित है, तो अभी तक बैंक के जोनल मैनेजर स्तर तक के अधिकारी को इस स्कीम की जानकारी क्यों नहीं ? साथ ही साथ उत्तराखंड के लाखों खाताधारकों और उद्यमियों को इस स्कीम का लाभ अभी तक क्यों नहीं दिया गया है।
ग्राहकों एनपीए धकेलने का एक षड्यंत्र
खबर उत्तराखंड इस खबर को प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री उत्तराखंड कार्यालय और वित्त मंत्रालय भारत सरकार को इस आशय से भेज रहा है ताकि पंजाब एंड सिंध बैंक के ग्राहक उत्तराखंड के उद्यमी जो इस वक्त परेशान हैं, उनको भी तत्काल इस स्कीम का (यदि वास्तव में बैंक ने इसको धरातल पर उतारा है) का लाभ मिले। गौरतलब बात यह है कि जहां स्टेट बैं, इलाहबाद बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक आदि ने उत्तराखंड के ग्राहकों को इस स्कीम का फायदा मार्च के अंतिम सप्ताह से ही देना शुरू कर दिया था। ऐसे में पंजाब एंड सिंध बैंक का यह व्यवहार ना केवल ग्राहकों के साथ छल है, बल्कि भविष्य में वर्तमान ग्राहकों एनपीए धकेलने का एक षड्यंत्र भी है, जिससे बैंक की साख पर बट्टा लगना लाजिमी है।