देहरादून- वेतन विसंगति व एसीपी की पूर्व व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर बिजली कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। बिजली कर्मियों और अफसरों ने सोमवार शाम से अपने मोबाइल बंद कर लिए। सातवें वेतनमान में वेतन कम होने से गुस्साए बिजली कर्मियों के सभी संगठनों ने एक मंच पर आकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठनों ने सरकार को सोमवार शाम छह बजे तक का समय दिया था। इसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर कर्मियों ने अपने फोन बंद कर लिए।
अपर सचिव ऊर्जा ने कर्मचारी संगठनों को वार्ता को बुलाया, पर कर्मियों ने वार्ता का बहिष्कार कर दिया। इससे पहले ऊर्जा निगम मुख्यालय के गेट पर मीटिंग में केंद्रीय अध्यक्ष डीसी गुरुरानी ने कहा कि इतिहास में ये पहला मौका है जब अफसरों ने कैबिनेट के फैसले को ही पलट दिया। इस दौरान तय हुआ कि जब तक मांगों पर विधिवत आदेश नहीं होते, आंदोलन जारी रहेगा।
दिवाली इमरजेंसी ड्यूटी का भी बहिष्कार
बिजली कर्मियों ने दिवाली पर इमरजेंसी ड्यूटी का भी बहिष्कार करने का ऐलान किया है। कर्मचारी नेता डीसी गुरुरानी ने कहा कि इस बार सरकार के साथ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। सरकार कर्मचारियों को लेकर गंभीर नहीं है। इस बार कर्मचारी सरकार को अपनी ताकत का अहसास कराएंगे।
आंदोलन से बढ़ेगी मुश्किलकर्मियों के मोबाइल फोन बंद होने से पावर सप्लाई सिस्टम को संभालना मुश्किल होगा। खासतौर पर यूपीसीएल के सबस्टेशन, पिटकुल की सप्लाई लाइनों और यूजेवीएनएल के पावर हाउसों को संभालने में कठिनाई आएगी।
मांगें माने जाने तक सभी कर्मचारी शाम छह बजे से सुबह दस बजे तक अपने मोबाइल फोन बंद रखेंगे। वित्त विभाग ने अड़ियल रवैया जारी रखा तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। -डीसी गुरुरानी अध्यक्ष, ऊर्जा ऑफिसर्स सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन
सचिव की चाय पार्टी का भी बहिष्कारसचिव ऊर्जा राधिका झा ने कर्मियों के साथ सौहाद्र्रपूर्ण माहौल बनाने को यूजेवीएनएल में दिवाली पार्टी का आयोजन किया था। मुख्यालय में बाकायदा शामियाना सजाने के साथ लजीज व्यंजनों का इंतजाम था। हालांकि कर्मचारियों की नाराजगी के चलते तमाम तैयारियां धरी रह गईं।